मिसाल: बिहार के इस गांव में नहीं है कोई मुस्लिम परिवार, हिंदू करते हैं मस्जिद की सुरक्षा और देखभाल
नालंदा यूं ही विश्वगुरु नहीं बना, बल्कि, यहां की मिट्टी की सोंधी महक और लोगों की खासियत कुछ ऐसी है जिसे भुलाया नहीं जा सकता. ऐसा ही अनोखा दृश्य बेन प्रखंड के माड़ी गांव के लोगो ने दिखाया है. यहां हिन्दू परिवार गांव के एक मस्जिद की देखभाल करते हैं.
नई दिल्ली: सांप्रदायिक झगड़ों की बुनियाद डालने वालों और हिन्दू-मुसलमान के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ बिहार का नालंदा जिला मिसाल बनकर सामने आया है. नालंदा जिले के बेन प्रखंड के माड़ी गांव के लोगों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की ऐसी मिसाल पेश की है जो दुनिया के लिए एक नज़ीर बन गई है.
दरअसल मारी गांव के हिन्दू अपने गांव में स्थित एक मस्जिद की न सिर्फ देख-रेख करते हैं बल्कि इस मस्जिद में पांचों वक्त नमाज़ अदा हो इसका भी बेड़ा उठाए हुए हैं. मस्जिद का रख-रखाव और रंगाई-पुताई का जिम्मा भी हिन्दू परिवार वालों ने उठा रखा है.
इस गांव में एक भी घर मुस्लिम का नहीं है क्योंकि काम और बेरोजगारी की आलम ने इस गांव से उन्हें पलायन करने को मजबूर कर दिया. अब चूकि गांव में मुसलमान नहीं हैं तो ऐसे में इस गांव के हिन्दू अनूठी गंगा-जमुनी तहजीब की संस्कृति की मिसाल पेश कर रहे हैं.
Nalanda: Hindu residents of Mari village take care of a mosque & play azaan with the help of pen-drive; say, "It's a very old mosque. There are no Muslim residents here now. So Hindus take care of the mosque. After a wedding, newly-weds come here first to take blessings". #Bihar pic.twitter.com/xKXBuAST2G
— ANI (@ANI) August 29, 2019
मस्जिद में होती है पांच वक्त की नमाज़
इस मस्जिद में हर दिन पांचों वक्त की अज़ान होती है. हिन्दूओं को अज़ान देनी नहीं आती तो वे लोग पेन ड्राइव की मदद लेते हैं. पूरे गांव के लोग इसमे बढ़ चढक़र सहयोग करते हैं.मस्जिद की सफाई का जिम्मा गौतम महतो, अजय पासवान, बखोरी जमादार व अन्य के जिम्मे है.
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