नई दिल्ली: सांप्रदायिक झगड़ों की बुनियाद डालने वालों और हिन्दू-मुसलमान के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ बिहार का नालंदा जिला मिसाल बनकर सामने आया है. नालंदा जिले के बेन प्रखंड के माड़ी गांव के लोगों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की ऐसी मिसाल पेश की है जो दुनिया के लिए एक नज़ीर बन गई है.


दरअसल मारी गांव के हिन्दू अपने गांव में स्थित एक मस्जिद की न सिर्फ देख-रेख करते हैं बल्कि इस मस्जिद में पांचों वक्त नमाज़ अदा हो इसका भी बेड़ा उठाए हुए हैं. मस्जिद का रख-रखाव और रंगाई-पुताई का जिम्मा भी हिन्दू परिवार वालों ने उठा रखा है.



इस गांव में एक भी घर मुस्लिम का नहीं है क्योंकि काम और बेरोजगारी की आलम ने इस गांव से उन्हें पलायन करने को मजबूर कर दिया. अब चूकि गांव में मुसलमान नहीं हैं तो ऐसे में इस गांव के हिन्दू अनूठी गंगा-जमुनी तहजीब की संस्कृति की मिसाल पेश कर रहे हैं.





मस्जिद में होती है पांच वक्त की नमाज़


इस मस्जिद में हर दिन पांचों वक्त की अज़ान होती है. हिन्दूओं को अज़ान देनी नहीं आती तो वे लोग पेन ड्राइव की मदद लेते हैं. पूरे गांव के लोग इसमे बढ़ चढक़र सहयोग करते हैं.मस्जिद की सफाई का जिम्मा गौतम महतो, अजय पासवान, बखोरी जमादार व अन्य के जिम्मे है.



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