लखनऊ: गैंग रेप और किशोरी से रेप के प्रयास के आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सूबे का निजाम बदलने के चंद दिनों के अंदर ही गिरफ्तार कर लिए गए. बुधवार को लखनऊ पुलिस ने गायत्री को गिरफ्तार किया, जिसके बाद आलमबाग सीओ कार्यालय में उनका बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.


घटना में नार्को टेस्ट चाहते हैं गायत्री


इससे पहले पुलिस ने गायत्री को कोर्ट में पेश किया, जहां समर्थकों ने कोर्ट के बाहर वकीलों से अभद्रता की और क्राइम ब्रांच के सिपाही और एक मीडिया कर्मी को पीट दिया. गिरफ्तारी के बाद भी गायत्री के ठाट कम नहीं हुए. फॉर्च्यूनर से कोर्ट पहुंचे गायत्री प्रजापति ने कहा, "हम कह रहे हैं कि इस घटना का नार्को टेस्ट हो, नार्को टेस्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."


सभी सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस


एसपी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. प्रजापति मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहे थे, जिन्हें बुधवार को गिरफ्तार किया गया. इसके पहले मंगलवार को सीओ हजरतगंज और आलमबाग की टीम ने फरार साथियों पिंटू सिंह उर्फ अमरेंद्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. अब इस मामले में पुलिस गायत्री प्रजापति सहित उनके गनर रहे चंद्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला, पिंटू सिंह उर्फ अमरेंद्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा समेत सभी सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.


प्रजापति इस बार अमेठी से विधानसभा चुनाव भी हार गए हैं. वह पिछली बार इसी सीट से पहली बार चुनाव जीते थे. मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति जब पहली बार चुनाव लड़े थे तो उनको महज 1500 वोट मिले थे. उस दौर में उनके पास बीपीएल कार्ड था. उन्होंने 2012 में पहली बार एसपी के टिकट पर अमेठी से कांग्रेस की अमिता सिंह को हराकर चुनाव जीता था. उसके बाद उनका सितारा बुलंद होता चला गया.


चंद महीनों के बाद कैबिनेट मंत्री बन गए गायत्री प्रजापति


कांग्रेस के गढ़ में जीतने की वजह से वह एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की नजर में आए. उनको फरवरी, 2013 में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया और उसी जुलाई में खनन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया. उसके चंद महीनों के बाद जनवरी, 2014 में वह कैबिनेट मंत्री बन गए. फरवरी में उनके खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति एकत्र करने और राज्य में अवैध खनन को बढ़ावा देने के आरोप लगे.


सितंबर, 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई से अवैध खनन मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. नतीजतन कुछ समय बाद उनको अखिलेश ने कैबिनेट से हटा दिया. हालांकि उसके बाद मुलायम के हस्तक्षेप के चलते उनकी वापसी हुई.


चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर गैंग रेप


चित्रकूट की एक महिला ने गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगियों पर 2014 में कथित रूप से गैंग रेप का आरोप लगाया. उसके मुताबिक उसको खनन का ठेका देने की बात हुई थी, लेकिन उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर गैंग रेप किया गया. उसको ब्लैकमेल करने के लिए उसकी तस्वीरें ली गई और महीनों रेप किया जाता रहा.


पीड़िता के मुताबिक, उसकी नाबालिग बेटी पर भी उनकी बुरी नजर थी. उसके बाद जब उसने मामला दर्ज कराया तो मंत्री सहित उनके सहयोगियों की तरफ से उसको जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं. लिहाजा उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.


गायत्री पर टिप्पणी से शिवपाल का इनकार


 गैंग रेप मामले में कई दिनों से फरार पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बुधवार को पुलिस व एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. उनसे जुड़ा सवाल जब समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव से किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.


जसवंतनगर सीट से जीते एसपी नेता शिवपाल यादव बुधवार को कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र के परौर गांव निवासी शहीद राम पाल सिंह यादव के घर शोक व्यक्त करने गए थे. पत्रकारों ने उनसे गायत्री प्रजापति पर सवाल पूछे, जिस पर शिवपाल ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.


पूर्व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने शहीद के पिता को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. एसपी की अंदरूनी कलह पर उन्होंने कहा, "पूरा परिवार एकजुट है, अब कोई कलह नहीं है. सब मिल कर पार्टी को खड़ा करेंगे." उन्होंने शहीद राम पाल सिंह के बारे में कहा कि वह जिले की शान हैं. बाद में शिवपाल ने स्थानीय एसपी नेताओं से मुलाकात की.