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अमरोहा: फिर इम्मा गांव पहुंची NIA की टीम, इकट्ठा किए सबूत
बताया जा रहा है कि सईद की निशानदेही पर घर में मसाला पीसने वाली पत्थर की सिल को भी एनआईए टीम अपने साथ ले गयी है. आरोप है कि पत्थर की इस सिल पर बारूद पीसा जाता था. हालांकि गांव में घरों में पत्थर की ये सिल खाने का मसाला पीसने के काम आती है जो हर घर में होती है.
अमरोहा: एक बार फिर एनआईए की टीम उत्तर प्रदेश के अमरोहा में सैदपुर इम्मा गांव पहुंची जहां उसने हबीब के घर में तलाशी ली. एनआईए टीम ने सुबह से ही अमरोहा के सैदपुर इम्मा गांव को घेर लिया था और हबीब के घर में तलाशी शुरू कर दी थी. हबीब के दो बेटों रईस और सईद को एनआईए ने 26 दिसंबर को संदिग्ध आतंकवादी होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आज एनआईए इनमे से सईद को रिमांड पर लेकर गांव पहुंची और उस से घर के अंदर कड़ी पूछताछ कर वहां से कुछ सबूत जुटाए.
बताया जा रहा है कि सईद की निशानदेही पर घर में मसाला पीसने वाली पत्थर की सिल को भी एनआईए टीम अपने साथ ले गयी है. आरोप है कि पत्थर की इस सिल पर बारूद पीसा जाता था. हालांकि गांव में घरों में पत्थर की ये सिल खाने का मसाला पीसने के काम आती है जो हर घर में होती है. बताया जा रहा है कि हबीब के घर की एक दिवार पर IS लिखा हुआ था एनआईए की टीम ने उस दिवार का भी फोटो लिया है.
परिवार वालों का कहना है की परिवार में एक आठ साल का लड़का है जिसका नाम इसरार सिद्दीकी है उसी ने दिवार पर अपने नाम का शार्ट IS लिखा था इसरार ने अपनी कापी किताबों पर भी इसी तरह अपना नाम लिखा है लेकिन एनआईए इसे ISIS से जोड़ कर देख रहा है. इसरार का कहना है कि उसे स्कूल में टीचर ने इस तरह शार्ट में नाम लिखना सिखाया था जो उसने गांव में सैकड़ो जगह दिवार पर लिखा है इसरार ने अपना पूरा नाम भी दिवार पर लिखा है.
गांव की महिलाओं का कहना है कि NIA वाले घर से मसाला पीसने वाली पत्थर की सिल और गोबर उठाने वाले लोहे के तश्ले भी उठा कर अपने साथ ले गये हैं. क्या ये चीज़े आतंक का सामान हो सकती हैं ? गांव की महिलाओं का आरोप है कि गांव के युवकों को आतंकवाद के झूठे केस में फंसाया गया है. गांव के लोग भी दिवार पर इसरार का नाम दिखा कर कह रहे हैं की बेगुनाहों को फंसाया जा रहा है. दिवार पर बच्चे ने अपना नाम लिख दिया तो उसे आतंकवादी संगठन ISIS से जोड़ा जा रहा है.
नौगावां सादत थाना इलाके के सैदपुर इम्मा गांव को एनआईए ने तड़के ही अपने कब्जे में ले लिया था और पूरे गांव को पुलिस फ़ोर्स ने छावनी बना दिया था. लोगों को घरों में कैद कर हबीब के घर टीम ने तलाशी ली और घर का कुछ सामान अपने साथ सील कर एक बैग में ले गये. कई घंटो के बाद जब एनआईए टीम गांव से निकली तो लोगों की भीड़ गांव की सड़कों और छतों पर आ गयी. गांव में हर शख्स NIA की कार्यवाही से नाराज़ दिखाई दिया और सब का यही कहना था की गांव के युवकों को आतंकवाद के झूठे केस में फंसाया गया है.
क्या क्या सामान बरामद हुआ था?
पिछली गिरफ्तारी के बाद एनआईए को भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुआ था. एजेंसी ने देशी रॉकेट लॉन्चर, 12 पिस्तौल, 120 अलार्म क्लॉक, 100 मोबाइल फोन, 135 सिम कार्ड, कई लैपटॉप और विभिन्न बिजली के उपकरण और इसके अलावा 150 राउंड गोलाबारूद बरामद किओ. गिरफ्तार संदिग्धों ने बुलेट-प्रूफ फिदायीन वेस्ट बनाने का भी प्रयास किया था. इसे अमरोहा से बरामद किया गया.
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