लखनऊ: भगवान हनुमान को लेकर नए नए बयान सामने आ रहे हैं. अब राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को अनूसूचित जनजाति का बताया है और कहा है कि वो आदिवासी थे. लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां हनुमान एक गोत्र भी है.


नंद कुमार साय ने कहा कि लोग समझते हैं राम की सेना में वानर थे, भालू थे और गिद्ध थे. ऐसा नहीं है. हमारी जनजाति, हमारे समाज में गिद्ध और हनुमान गोत्र हैं. ये तो वो आदिवासी थे जो भगवान राम की लड़ाई में उनके साथ गए थे.


उन्होंने कहा,"कुडुग में तिग्गा होता है जिसका अर्थ है वानर. जिस दंडकारण्य में राम आए थे वहां जनजाति के लोग उनके साथ हो गए थे.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को कथित तौर पर दलित बताये जाने से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने असहमति जताते हुए कहा है कि किसी देवता को जाति से जोड़ना सही नहीं है.


बैरिया से बीजेपी विधायक सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजस्थान में एक चुनावी रैली में भगवान हनुमान को ‘दलित’ करार देने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भगवान जाति से परे होते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान तो सभी जातियों के भगवान हैं. भगवान को किसी जाति से जोड़ना उनके विचार से उचित नहीं है.


विपक्षी पार्टियों और कई संगठनों के निशाना साधने के बाद यूपी के गवर्नर राम नाइक ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि अपनी बातों को सभ्यता से रखना और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना अपने विचारों को लोगों के सामने रखना लोकतंत्र के लिए बेहद ज़रूरी है. गवर्नर राम नाइक ने सीएम योगी को नसीहत देते हुए उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से सीख लेने को कहा है.


योगी ने गत मंगलवार को अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भगवान हनुमान को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था. योगी के इस बयान से नाराज राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है.


गुरुवार को यूपी के बहराइच पहुंचे सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से जब उनके बयान पर सवाल किया गया तो वो इसे टाल गए और विकास के आंकडे गिनाने लगे. पत्रकारों ने कई बार भगवान हनुमान पर उनके बयान को लेकर सवाल किया लेकिन उन्होंने किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया बल्कि विकास की योजनाओं और आंकडों को बताने लगे. पत्रकारों ने उनसे अवैध खनन को लेकर भी सवाल किए लेकिन सीएम ने जवाब नहीं दिया और वापस चल दिए.