तय कार्यक्रम के मुताबिक जेडीयू के दोनों उम्मीदवार हरिवंश और रामनाथ ठाकुर समय पर अपना पर्चा दाखिल करने पहुंच पहुंच गए थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत तमाम नेता विधानसभा के सचिव के कक्ष में आ गए थे. लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार विवेक ठाकुर थोड़ी देर से पहुंचे. जेडीयू उम्मीदवारों के बाद बीजेपी के विवेक ठाकुर का नामांकन हुआ.
अगर चुनाव नहीं होते हैं तो हरिवंश, रामनाथ ठाकुर, विवेक ठाकुर, आरजेडी के प्रेमचन्द गुप्ता और ए डी सिंह का निर्विरोध चुना जाना तय है. वहीं राज्यसभा के टिकट को लेकर बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. डॉ सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को टिकट दिए जाने के बाद आर के सिन्हा के समर्थक नाराज हो गए हैं. आर के सिन्हा खुद तो सामने आए नहीं बल्कि कायस्थ समाज को आगे कर दिया. बीजेपी के खिलाफ कुशवाहा समाज के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. समाज के लोगों ने पोस्टर के जरिए बीजेपी के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया है.
कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविनंदन सहाय ने कहा, "कायस्थ महासभा इस बात से बहुत दुखी हैं और नाराज है कि हमारे सिटिंग राज्यसभा के सदस्य आर के सिन्हा जी को नजरअंदाज किया गया और जो दूसरा टर्म उन्हें मिलना चाहिए था जो नही मिला. हमनें देखा है कि बीजेपी ने धीरे-धीरे कायस्थ महासभा को दरकिनार करना शुरू कर दिया. शायद वो हमें बंधुआ मजदूर समझ रहे हैं. हमारा समाज शत प्रतिशत बुद्धिजीवी समाज है और हमारा मानना है कि हमारे समाज को जो प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है."
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