नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) अध्यक्ष राम विलास पासवान के बेटे और पार्टी की संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अपने सहयोगी दलों के साथ बिहार में बरकरार रहेगा. चिराग ने कहा, "सीटों को लेकर सकारात्मक दिशा में बातचीत जारी है. मुझे पूरा यकीन है कि हमारी पार्टी को चुनाव में सम्मानजनक सीटें मिलेंगी." चिराग ने अमित शाह और नीतीश कुमार के सीटों के एलान से एक दिन पहले गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात की थी.


सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने बिहार में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के उपेंद्र कुशवाहा समेत एनडीए के सभी सहयोगी दलों से बात की है. फिलहाल, एलजेपी के लोकसभा में 6 सांसद हैं. शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद बीजेपी अध्यक्ष ने कुशवाहा से बात की है ताकि चुनाव में बीजेपी के लिए कोई मुश्किल न खड़ी हो पाए.


एलजेपी के एक शीर्ष नेता के मुताबिक, पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर समझौता करना पड़ा है और इस बार उसे सात से कम सीटें मिलने की उम्मीद है. नेता की मानें तो बीजेपी ने भी जनता दल (यूनाइटेड) (जेडी (यू)) के लिए सीटों से समझौता किया है, जबकि जेडीयू पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए की सहयोगी नहीं थी. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी को इस बार पांच सीटें मिलने की संभावना है.


उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने 2014 में तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी शायद ही इस बार आरएलएसपी को दो से ज्यादा सीटें देने पर राजी हो पाए. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे की रणनीति अभी बन ही रही है. बीजेपी के महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव सहयोगियों के साथ बातचीत करने में लगे हुए हैं. बीजेपी को 16, जेडी (यू) को 16, एलजेपी को 5 और आरएलएसपी को दो सीटें मिलने की उम्मीद है. मुजफ्फरपुर या जहानाबाद की शेष एक सीट किसी निर्दलीय को मिल सकती है.


शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष ने एलान किया था कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडी (यू) बराबर सीटों पर चुनाव लडेंगी. बीजेपी 2014 में 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 22 सीटों पर उसने जीत दर्ज की थी. शाह ने कहा है कि नीतीश कुमार की वजह से बाकी पार्टियों को पिछली बार के मुकाबले कम सीटें मिलेंगी.