पटना: बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि तेजस्वी यादव राहुल गांधी की नकल कर रहे हैं. राहुल गांधी का नामांकरण तो हो गया अब कहें तो आपका भी नाम रखने का टेंडर निकाल दें. बीजेपी और जेडीयू की डिजिटल रैली को लेकर तेजस्वी के विरोध में थाली पीटे जाने पर मंत्री ने कहा कि अब छाती पीटने का वक्त आ गया है.
नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव राजनीति के नव सामंत हैं, हजारों करोड़ की संपत्ति के मालिक भ्रष्टाचार के राजकुमार श्रमिक बनने की तैयारी में हैं. इन्हें राजनीतिक रुप से लज्जा नहीं महसूस होती. इन्हें तो चाहिए था कि अपने पिता कैदी नंबर 3351 और तिहाड़ जेल के सेल नंबर-2 में बंद शहाबुद्दीन का पोस्टर लगाते और साथ ही साथ अपना संपत्तिनामा जारी करते जिससे कि आजेडी कार्यकर्ताओं को भी अहसास होता है कि उनका नेता धनबल और बाहुबल का धनी है. लेकिन अब कानून का बल है, जिसका सबको अहसास हो रहा है.
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने कहा, ''तेजस्वी यादव राजनीति में नए प्रपंच रच अपना दागदार चेहरा बदलना चाहते हैं पर इन्हें अहसास नहीं ये दाग गहरा है जो मिटने वाला नहीं. ये सजायाफ्ता के पुत्र हैं जिसे कोई बदल नहीं सकता. ट्विटर बबुआ पोस्टर बॉय बनने की तैयारी में हैं. ये लाख प्रयत्न कर लें पर समाज के अतिपिछड़ा, दलित और बिहार के जिन लोगों को इनके माता पिता के कारगुजारियों की वजह से प्रवास पर रहना पड़ा उन्हें भलिभांति एहसास है कि इसका गुनाहगार सिर्फ और सिर्फ कैदी नंबर 3351 का कुनबा है. उनके परिवार के जो लोग गांव में हैं वो जानते हैं कि उनके कल्याणार्थ माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने काम किया है.''
नीरज कुमार ने कहा, ''तेजस्वी यादव अगर राहुल गांधी बनना चाहते हैं तो उनका तो नामांकरण हो चुका. ये जब चाहें हम इनका नामांकरण करने को तैयार हैं, ऐसा नामांकरण करेंगे कि राजनीति में क्षतविक्षत हो जाएंगे.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''कल 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस था. लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के चरणों में शीश झुकाने के बजाए तेजस्वी यादव फर्जीवाड़ा कर रहे थे. पुलिस मुख्यालय ने जिस पत्र को 4 जून को त्रुटिपूर्ण बताकर रद्द कर दिया था ये कल उसको फाड़कर खैरख्वाह बनने का फर्जी प्रयास कर रहे थे. जिस तरह आपके पिता लोकनायक के चरणों में शीश झुका सजायाफ्ता हो गए क्या आपको भी वही संस्कार है?''
नीरज कुमार ने कहा, ''आदरणीय प्रधानमंत्री और बिहार के माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने COVID-19 से मुकाबले के लिए जनता को संकल्पशक्ति देने के लिए थाली बजवायी थी. अब 8वीं-9वीं पास नेता प्रतिपक्ष थाली पीटने का मंसूबा पाले हैं, इतनी पढ़ाई भी नकल करके ही किए थे, नकलची कब से हो गए. भ्रष्टाचार के नव सामंत अगर विभिन्न जेलों में बंद अपने राजनीतिक वंशगोत्र के साथ मिलकर अपने माता पिता के कार्यकाल में हुए 118 नरसंहार पर छाती पीटते तो ज्यादा बेहतर होता, लोग भी समझते कि तेजस्वी यादव अब पश्चाताप के नए मोड में हैं.''
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