लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा, लेकिन लगता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती सरकारी बंगला से कब्जा नहीं छोड़ना चाहतीं. हालांकि वह खुद बंगला छोड़ कर पास ही में बने एक दूसरे मकान में शिफ्ट होने वाली हैं.


क्या है मामला


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने मायावती, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और एनडी तिवारी को नोटिस भेज दिया है. यहां यह जानना जरूरी है कि यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार की ओर से बंगला मिलता है.


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सुप्रीम कोर्ट का फैसला


यूपी सरकार ने "उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज़, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981" में बदलाव कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर मुफ्त सरकारी आवास देने की व्यवस्था की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बदलाव को मनमाना करार दिया था. लोकप्रहरी नाम के एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था.


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मुलायम ने की थी योगी से मुलाकात


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. मुलायम ने योगी से कहा था कि वे उनका बंगला विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी को दे दें लेकिन योगी ने इस फॉर्मूले को खारिज कर दिया.


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मायावती का फॉर्मूला


मायावती ने सरकारी बंगले पर 'श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' लिखे बोर्ड लटकवा दिए हैं. इन बोर्ड्स पर बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की तस्वीर भी लगी है. सोमवार को ये बोर्ड्स 13-ए, माल एवेन्यू पर दिखाई दिए. इनको देख कर लगता है कि जैसे ये कांशीराम मेमोरियल है. लेकिन क्या ये तरीका मायावती के बंगले को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बचा पाएगा.