बिहार: पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर नहीं होगी जेल, दूसरी बार एक लाख जुर्माना और पांच साल की जेल
मुख्यमंत्री ने कहा, ''समाज मे तरह-तरह के लोग होते हैं. कुछ धंधेबाज लगे रहते हैं. सरकार इन सब से कड़ाई से निपटने पर काम कर रही है.''
पटना: बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2018 आज बिहार विधानसभा में पास हो गया. शराबबंदी कानून की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारीफ करते हुए कहा कि इस पहल की हर लोगों ने सराहना की है. विधानसभा में उन्होंने कहा कि हम शराबबंदी को सफल बनाने के लिए निष्ठा से काम करते रहेंगे. इसके साथ ही विपक्ष के वॉक आउट पर सीएम नीतीश ने निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि समाज सुधार की दिशा में बहुत बड़ा काम हो रहा है. शराबबंदी के खिलाफ मत रहिए. जब शराबबंदी कानून लाया गया उसमे हर दल की सहमति थी.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘’समाज मे तरह-तरह के लोग होते हैं. कुछ धंधेबाज लगे रहते हैं. सरकार इन सब से कड़ाई से निपटने पर काम कर रही है.’’ शराबबंदी से जुड़ी औसतन शिकायतों की संख्या 40 से 50 है. शराबबंदी कानून में संधोधन हर पहलू को देख कर किया गया है. उन्होंने कहा कि 72 प्रतिशत लोग शराब पीने वाले और 38 प्रतिशत लोग दूसरे तरह से पकड़े गए.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जेल में कैदियों की क्षमता 39436 है. अभी 39487 शराब से जुड़े मामलों में जेल में बंद कुल कैदियों की संख्या 6932 हैं. उन्होंने कहा कि गरीब महिलाओं ने ही तो मांग की थी कि शराबबंदी लागू किया जाए. सामाजिक रूप से पिछड़े और गरीब लोग शराब से पीड़ित और प्रभावित थे.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून में बदलाव के लिए संशोधन विधयेक के मुख्य बिंदू
- पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 50 हज़ार का जुर्माना या तीन महीने की जेल की सज़ा. ये जमानतीय धाराएं होंगी. यानी पहली बार पकड़े भी गए तो जेल नहीं जाना पड़ेगा. अगर पचास हज़ार का जुर्माना नहीं भरे तो मुकदमा चलेगा.
- दूसरी बार पकड़े गए तो एक लाख का जुर्माना और पांच साल तक की जेल हो सकती है.
- किसी गांव में शराब बनाने और पीने पिलाने वालों पर अब सामूहिक जुर्माना नहीं लगेगा.
- किसी गाड़ी या मकान में शराब पीने या रखने पर उस घर को सील नहीं किया जा सकेगा.
- परिवार के सभी बालिग पर यह कानून लागू नहीं होगा सिर्फ जिसने शराब पी है सिर्फ उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
- इस विधेयक में कानून के 17 प्रावधानों में परिवर्तन किए गए. कुछ को हटाया गया कुछ में बदलाव लाए गए.
- किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं. प्रावधान ऐसे न हों जिसका दुरुपयोग हो.
- स्प्रिट को शराब बनाने वाले पर कानून.
- शराब पी कर उपद्रव , हंगामा और मारपीट करने की सजा में कोई बदलाव नहीं.
- हमारे हर जिले में नशामुक्ति केंद्र है. जो शराब पीने वालों से सहानुभति रखते हैं उन्हें इन केंद्रों पर ले जाएं.