(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
निदा खान मामला: फतवा जारी करने वाले मुफ़्ती-मौलवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश
निदा खान ने आज एसएसपी ऑफिस पहुंचकर अपने खिलाफ फतवा जारी करने वाले दरगाह आला हजरत के मुफ़्ती मौलवियों के खिलाफ तहरीर दी. निदा का कहना है कि फतवा जारी कर उसके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है.
लखनऊ: चर्चित निदा खान प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है. निदा ने फतवा जारी करने वाले धर्म के ठेकेदारों के खिलाफ तहरीर दी है. निदा की तहरीर पर एसपी सिटी ने बारादरी थाना पुलिस को मुफ़्ती, मौलवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
3 तलाक़ पीड़िता और आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा प्रकरण में एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने बारादरी पुलिस को दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से फतवा जारी करने वाले शहर काज़ी और शहर ईमाम समेत 4 अन्य फतवा सुनाने वाले मौलवियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
निदा का कहना है कि फतवा जारी कर उसके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है
निदा खान ने आज एसएसपी ऑफिस पहुंचकर अपने खिलाफ फतवा जारी करने वाले दरगाह आला हजरत के मुफ़्ती मौलवियों के खिलाफ तहरीर दी. निदा का कहना है कि फतवा जारी कर उसके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है. समाज से उसका वहिष्कार होने लगा है. निदा का कहना है कि उसके घर पर फतवा जारी होने से पहले रोजाना नियाज करने के लिए मौलवी आया करते थे और जब से फतवा जारी कर उसे इस्लाम से खारिज किया गया तब से उसके घर कोई भी मुफ़्ती या मौलवी नियाज के लिए नहीं आ रहे है.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले का संज्ञान लिया था
निदा के खिलाफ जिस तरह से फतवा जारी हुआ उसके बाद से निदा काफी परेशान हैं. निदा का मामला मीडिया में हाईलाइट होते ही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले का संज्ञान लिया था. अल्पसंख्यक आयोग की दो सदस्यीय टीम बरेली आई थी और टीम ने निदा के बयान दर्ज किए थे. आयोग की टीम दरगाह आला हजरत भी गई थी और फतवा जारी करने वाले शहर काजी और फतवा लेने वाले शहर इमाम खुर्शीद आलम के बयान भी दर्ज किए थे.
फतवे में ऩिदा का हुक्का पानी बन्द करने के आदेश भी दिया गया था
निदा का कहना है कि उसके खिलाफ दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से फतवा जारी कर उसे इस्लाम से खारिज कर दिया गया था. फतवे में उसका हुक्का पानी बन्द करने के आदेश भी दिया गया था और उसके बीमार होने पर उसको दवा देने तक पर रोक लगा दी गई थी. इतना ही नहीं उसके मरने पर नमाज़े जनाजा तक पर रोक लगा दी गई थी और उसे कब्रिस्तान में दफनाने तक पर रोक लगा दी गई थी. निदा तीन तलाक़ पीड़ित है और ऐसी महिलाओं की मदद करती है.