माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत पर हुआ बड़ा खुलासा- 9 फर्जी कॉल सेंटरों का पर्दाफाश, 23 लोग गिरफ्तार
नोएडा पुलिस ने ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जिनकी ठगी के चर्चे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं. दरअसल ये सभी फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले वो शातिर खिलाड़ी हैं जिन्होंने विदेशी पुलिस को भी भारत आने पर मजबूर कर दिया.
नोएडा: नोएडा पुलिस ने ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जिनकी ठगी के चर्चे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं. दरअसल ये सभी फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले वो शातिर खिलाड़ी हैं जिन्होंने विदेशी पुलिस को भी भारत आने पर मजबूर कर दिया. नोएडा पुलिस ने छापेमारी कर 9 फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है और 23 लोगों को ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है.
दरअसल पिछले कई दिनों से नोएडा पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाये जा रहे हैं और कॉल सेंटर में बैठे शातिर खिलाड़ी माइक्रोसॉफ्ट के नाम से विदेशों में लोगों के साथ ठगी कर रहे है.
माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारियों ने नोएडा पुलिस को शिकायत दी कि माइक्रोसॉफ्ट के नाम पर नोएडा के कुछ कॉल सेंटर विदेशों में बैठ लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और जब कॉल सेंटर्स पर छापेमारी की गई तो एक बड़े फर्जी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ.
दरअसल माइक्रोसॉफ्ट को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि एक पॉपअप लगातार विदेशों में बैठे लोगों को परेशान कर रहा है. इस पर माइक्रोसॉफ्ट ने काम करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर नोएडा से ठगी की जा रही है.
फर्जी कॉल सेंटर्स से खुद को माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी बता कर या बिजनेस पार्टनर बताकर इस पूरे काम को अंजाम दिया जा रहा था. इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारियों ने नोएडा पुलिस से संपर्क किया. माइक्रोसॉफ्ट से मिली शिकायत के बाद ही नोएडा पुलिस की साइबर सेल ने फर्जी कॉल सेंटर्स पर काम करना शुरू किया और अचानक से एक साथ 9 फर्जी कॉल सेंटर पर रेड कर दी.
रेड के बाद जो जानकारी सामने आई उसने सभी के होश उड़ा दिए. दरअसल कॉल सेंटर से विदेशों में लोगों के सिस्टम पर एक पॉपअप जाता था और उनका सिस्टम हैक हो जाता था. इसके बाद वो भारत में बैठे इन फर्ज़ी कॉल सेंटर पर सम्पर्क करते थे और ये सिस्टम को ठीक करने के एवज में डॉलर में मोटी रकम वसूलते थे.
नोएडा के एसएसपी अजय पाल शर्मा की माने तो 100 डॉलर से लेकर 2000 डॉलर तक वसूले जाते थे. इनकी ठगी के शिकार यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के अलावा भी कई देशों के लोग हुए हैं. ये लोग अब तक 10 हज़ार से ज्यादा लोगों को चूना लगा चुके हैं.
नोएडा पुलिस की मानें तो अभी ठगी गई रकम का आकलन किया जा रहा है. ये रकम 50 करोड़ तक जाने की संभावना है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन फर्जी कॉल सेंटर्स ने अब तक 10 हज़ार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिनमें सबसे ज्यादा विदेशी नागरिक हैं.
नोएडा पुलिस ने इनके पास से 24 हार्ड डिस्क, 20 डीवीआर, 8 लेपटॉप, 24 चेक बुक और इसके अलावा एक लाख की इंडियन करंसी भी बरामद की है. इतना ही नहीं अब पुलिस इनकी बैलेंस शीट और डेटा बेस को खंगाल रही है जिससे ये पता चल सके कि आखिर इनका ये फर्जी जाल कहां तक फैला है.
ये लोग दो-तीन तरह के मैथड का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे. पहला कुछ रोबोटिक मैसज जो कि ऑटोमेटिक ही जनरेट होते थे और दूसरा आवाज़ को रिकॉर्ड करके प्ले करना. ठगों के इस गैंग में बीटेक और एमबीए तक के लोग शामिल हैं.
नोएडा के एसएसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि इससे पहले अब तक नोएडा पुलिस 24 ऐसे ही फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर चुकी है. पिछले महीने ही FBI और कनाडा पुलिस नोएडा आई थी ऐसे ही मामलों की जांच के लिए. दरअसल इन फर्जी कॉल सेंटर्स के ठगी के तरीके अलग अलग हैं.
भारत में ये लोग कभी नौकरी दिलाने के नाम पर, कभी लोन दिलाने के नाम पर तो कभी इन्श्योरेंस के नाम पर ठगी करते हैं और विदेशों में ये लोग पॉपअप भेज कर सिस्टम को हैक कर देते हैं और फिर ब्लैकमेल कर पैसा ऐंठते हैं. कभी इनकम टैक्स ना भरने के नाम पर भी लोगों को चूना लगाते हैं.
नोएडा पुलिस ने पिछले महीने ही एक ऐसे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था जो कनैडियन लोगों साथ ठगी कर रहा था. कनेडियन लोगों को फोन करके कहा जाता था कि उन्होंने अपना इनकम टैक्स भरा नहीं है और अगर अब नहीं भरा तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. ये कहकर वहां के लोगों को धमकाया जाता था इतना ही नहीं कई बार तो इन शातिरों ने गिरफ्तारी के फर्जी कागजात बनाकर भी उनको भेजा और डराया. उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी, सबसे हैरानी की बात ये ही कि इनको ये कनैडियन लोगों का डेटा दिल्ली में बैठे कुछ लोग प्रोवाइड कर रहे थे, पुलिस उनपर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.
नोएडा के एसएसपी अजय पाल शर्मा की मानें तो नोएडा से फर्जी कॉल सेंटर्स का सफाया करने में इंटरनेशनल कॉलोब्रेशन का बहुत बड़ा हाथ है. इसमें रॉयल कनाडियन माउंटेन पुलिस, एफबीआई और इंटरपोल के माध्यम से नोएडा पुलिस इन फर्जी कॉल सेंटर्स तक पहुँची है. विदेशी पुलिस की मदद से विक्टिम तक पहुँचना आसान हुआ और उसके बाद ये फर्जी कॉल सेंटर सामने आए और फिर रेड की गई. नोएडा पुलिस अब इन सभी फर्जी कॉल सेंटर से बरामद डेटा की जांच कर रही है. पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती है.