नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद पर निर्मोही अखाड़े ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. अखाड़े का कहना है कि विहिप ने राम मंदिर के नाम पर 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. विश्व हिन्दू परिषद ने इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है.


निर्मोही अखाड़े की ओर से एबीपी न्यूज़ पर बात करते हुए संत सीताराम ने कहा कि जितने फर्जी न्यास बने हैं वो मुसलमानों को मजबूत करना चाहते हैं. रामलला यानि निर्मोही अखाड़ा और निर्मोही अखाड़ा यानि रामलला.


सीताराम ने कहा कि अगर वहां मस्जिद थी तो वहां मीनार क्यों नहीं थी और वहां नमाज क्यों नहीं पढ़ी जाती थी. निर्मोही अखाड़े की ओर से महंत दीनेंद्र दास ने कहा कि रामलला वहां हमेशा थे, रामलला वहीं रहेंगे ना कि मस्जिद रहेगी. 1935 से निर्मोही अखाड़ा वहां पूजा पाठ कर रहा है.


संत सीताराम ने कहा कि 1400 करोड़ रुपया खा गए ये लोग, हम लोग राम जी के पुत्र हैं, सेवक हैं, हमें पैसे की पेशकश नहीं हुई कभी भी. पैसे खाकर बैठे हैं नेता लोग. इसके बाद सीताराम ने बिल्कुल साफ कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने घर-घर घूम कर एक-एक ईंट मांगी, पैसा जमा किया और फिर इस पैसे को खा गए.


उसके बाद कहा," इसी पैसे से सरकार बनाई गई है. योगी जी ने भी कह दिया कि हमारी ओर से कोई पहल नहीं है. राम के नाम पर सरकार बनाई है, और अब पीछे हट गए हैं."


विश्व हिन्दू परिषद की ओर से विनोद बंसल ने कहा कि राम मंदिर के लिए विहिप ने कभी किसी से एक पैसा नहीं लिया. 1964 से हम लोग आस्तित्व में आए. हर साल ऑडिट होता है. हमारे पास एक-एक पैसे का हिसाब है.