गोरखपुर: राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट करना निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा को महंगा पड़ गया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.विजय मिश्रा ज्ञानपुर से निषाद पार्टी से विधायक हैं.


उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव द्वारा टिकट काटे जाने के बाद निषाद पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के साथ भाजपा के नंद गोपाल नंदी पर रिमोट बम से हमला करने का आरोप भी है.

इसके बावजूद उन्होंने अखिलेश के खिलाफ राज्यसभा चुनाव में मोर्चा खोलकर भाजपा को वोट दे दिया. जबकि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के मंझले बेटे  प्रवीण निषाद को अखिलेश ने लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर से टिकट  देकर चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने लगातार 5 बार से जीत दर्ज करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट को 22 हजार वोटों से जीतकर सपा की झोली में डाल दिया.

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने प्रेसवार्ता कर अनुशासनहीनता के आरोप में विजय मिश्रा को पार्टी से निलंबित कर दिया और उनकी सदस्यता समाप्त कर दी. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजा जाएगा.