लखनऊ: केन्द्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश में नीति आयोग के गठन की तैयारी चल रही है. जल्द ही इसका पूरा प्रारूप बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया जाना है. मुख्यमंत्री की ओर से कुछ सुझाव होंगे तो उसे भी शामिल किया जाएगा. उसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. सूत्रों के अनुसार, इसके अर्न्तगत स्वास्थ्य सेवा में सुधार, शिक्षा, ग्रामीण विकास, किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य तय करने की योजनाएं शामिल की जानी हैं.


प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि केंद्रीय नीति आयोग से इस संबंध में एक प्रस्ताव आया है. उन्होंने कहा, "केन्द्र के नीति आयोग का प्रस्ताव आया था, उस पर विचार किया जा रहा है. प्रदेश का योजना आयोग तो पहले से ही संचालित हो रहा है. नीति आयोग के सुझाव को अभी पूरा पढ़ा जाना है."


उन्होंने बताया, "नीति आयोग और यूपी सरकार का एमओयू है, जिसका जॉइंट वर्किंग ग्रुप बना है. उसका अध्यक्ष मैं हूं. इसके अर्न्तगत योजना विभाग को और बेहतर बनाने का काम हो रहा है. नीति आयोग बनाने से पहले हर जिलों के हिसाब से इसकी कार्ययोजना अलग-अलग तैयार करनी पड़ेगी. अभी उनके सुझावों पर अध्ययन हो रहा है. अभी इसमें वक्त लगेगा."


सूत्रों के अनुसार, गठित होने वाले राज्य नीति आयोग में केन्द्र की तरह राज्य में उपाध्यक्ष व सदस्य बनाने के लिए दर्जनों विभाग के अधिकारी इसमें शामिल किए जाने के प्रस्ताव हैं.


गौरतलब है कि हाल में ही केन्द्रीय नीति आयोग का एक दल यूपी आया था. उसमें आयोग के अध्यक्ष अमिताभ कांत ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके राज्य के नीति आयोग के गठन पर जोर दिया था. इसके बाद से शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.