पटना: बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव आगामी मानसून सत्र में आ सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में एक कार्यक्रम मे कहा कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति भी ले ली गयी है और इसके लिए अधिकारियों की एक कमिटी बनाई है. उन्होंने कहा कि गृह विभाग और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से इस पर काम किया जा रहा है. विधि विभाग की राय लेकर प्रस्ताव को अंतिम रूप देंगे, मानसून सत्र नजदीक आ रहा है. नीतीश ने यह भी कहा कि वे हड़बड़ी में कोई फैसला नहीं लेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे इस निर्णय के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते हैं.


बेगूसराय में कल स्पिरिट पीने से 4 लोगों की मौत पर कहा कि क्या ये पीने की चीज है. इससे पहले गोपालगंज, रोहतास और वैशाली में भी ऐसी घटना हो चुकी है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना कानून और नीति की विफलता नहीं है. लोग शराबबंदी फेल होने का गलत प्रचार कर रहे हैं. कुछ ऐसे लोग हैं जो कि गलत कर रहे हैं. शराब के दुष्प्रभावों को और ज्यादा प्रचार करने की जरूरत है.


नीतीश कुमार ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में कई सीएम ने मुझसे पूछा कि आखिर आपने शराबबंदी कैसे की. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से टीम बिहार में आने वाली है और वो ये देखेंगे कि हमने कैसे शराबबंदी को लागू किया है. बिहार में शराब बैन करने से पड़ोसी राज्यों में इसका व्यापार बढ़ गया है. यूपी, झारखंड और बंगाल जैसे राज्यों में तेजी से इसका बिजनेस हो रहा है. ये बहुत ही घिनौना है.