पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के उद्योग भवन में आयोजित अनुसूचित जाति-जनजाति उद्यमी योजना कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर दो टूक कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकार को कोई नहीं छीन सकता. धरती पर किसी का दम नहीं है कि उनसे उनका हक छीन सके. इसके लिए हमलोगों को जो कुर्बानी देनी होगी हम देने के लिए तैयार रहेंगे.


सीएम नीतीश ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं को उद्योग लगाने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक की राशि का ऋण मुहैया कराया जाएगा. 10 लाख में से पांच लाख रुपये अनुदान रुप में दिया जाएगा वहीं शेष पांच लाख बिना ब्याज का 84 किस्तों में जमा करना होगा. इसके किश्त की शुरुआत तब से शुरू होगा, जब उद्योग की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत विचार-विमर्श कर इस योजना की शुरुआत की गई है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पुराने छात्रावासों के जीर्णोद्धार के साथ ही नए छात्रावासों का निर्माण कराया जा रहा है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए प्रतिमाह 1000 रुपये की छात्रवृत्ति और मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने की भी योजना है. कुछ लोग नकारात्मक बातें करते हैं और उन्हें ऐसी आदत होती है. मैं सकारात्मक ढंग से काम करने में विश्वास करता हूं.


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 95 लाख महिलाएं बिहार में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जीविका अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई पुरानी योजनाओं का जिक्र किया. इसके अलावे उन्होंने शराबबंदी का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि शराब के धंधे में शामिल लोगों को अन्य वैकल्पिक रोजगार दिलाया गया.