नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नीति आयोग को बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाकर पीएम मोदी को असमंजस में डाल दिया है. आंध्र प्रदेश ने भी ऐसी मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू सरकार से बाहर हो गए. अब सवाल ये उठता है कि नीतीश क्या अपनी मांगों के नहीं माने जाने पर ऐसा फैसला ले सकते हैं.


नीतीश ने ना सिर्फ विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है बल्कि केंद्र सरकार से कई योजनाओं के तहत केंद्र से मिलने वाली रकम में कटौती या कम दिए जाने पर अपनी आपत्ति भी दर्ज की है. कई फंड नहीं मिलने से दुःखी नीतीश ने अपना पक्ष भी रखा. नीतीश ने हाल ही में बिहार सरकार द्वारा किसान के लिए फसल सहायता योजना लागू किए जाने के फायदे भी गिनाए. नीति आयोग में पीएम मोदी पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन बिहार के साथ हुए अन्याय की ओर ध्यान खींचा.

बिहार में एनडीए की सरकार है और 2019 के चुनाव करीब है ऐसे में नीतीश एक तरफ बीजेपी पर अभी ही सीट बंटवारे पर फैसला करना चाहते हैं ऐसे में बीजेपी की तरफ से अगर देरी होती है तो नीतीश विशेष राज्य के दर्जे की मांग को और तेज कर सकते हैं.

इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि नीतीश ने अपने राज्य के बारे में मुद्दा उठाया है और उन्होंने भी अपने राज्य का मुद्दा नीति आयोग के सामने उठाया है. पश्चिम बंगाल को भी 26000 करोड़ रूपये की जरूरत है. ममता ने कहा कि पीएम के अलावा गृह मंत्री से हमने दिल्ली की समस्या को लेकर भी बात की है. पीएम ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन गृह मंत्री ने कहा है कि वो इस मामले को देखेंगे.

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