पटना: बिहार में विशेष फसलों के उत्पादन करने वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन फसलों को विकसित करने के लिए हब बनाया जाएगा, जहां फसलों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग भी की जाएगी. इसके लिए सरकार किसानों को 90 फीसदी अनुदान देगी. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि सरकार राज्य के किसानों के लिए उद्यानिक उत्पाद विकास योजना शुरू करेगी. उद्यानिक फसलों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर सरकार 90 फीसदी अनुदान देगी.


मंत्री ने बताया, "प्रथम चरण में इस योजना की शुरुआत रोहतास, अररिया, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, भोजपुर, शेखपुरा, बक्सर, नालन्दा और वैशाली सहित नौ जिलों में की जाएगी. इस योजना के तहत रोहतास में टमाटर, अररिया, समस्तीपुर में हरी मिर्च, पूर्वी चम्पारण में लहसुन, भोजपुर में हरी मटर, शेखपुरा, बक्सर में प्याज, नालंदा में आलू और वैशाली में मधु उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा."


कृषि मंत्री ने कहा, "किसानों को फल, सब्जी और मसालों के उत्पादन का समुचित कीमत नहीं मिल पाता हैं. कृषि विभाग इन जिलों में विशेष फसलों को प्रोत्साहित कर उस जिले को एक हब के रूप में विकसित करेगा, जिससे उनकी मार्केटिंग में सुविधा होगी." उन्होंने बताया, "बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना की अवधि पांच वर्षो की होगी. प्रथम वर्ष में समूह के गठन के बाद सभी ढांचागत सुविधा और उपकरण के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी."


प्रेम कुमार ने इस योजना के विषय में बताया, "जिलों में कलस्टर बनाया जाएगा. एक कलस्टर में 50 हेक्टेयर भूमि होगी, जिसमें किसानों का समूह होगा. समूह में पचास या इससे अधिक किसान होंगे. समूह अपने अंशदान से रिवाल्विंग फंड बनाएगा. इस फंड में सरकार भी आधी राशि देगी. किसानों को प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा." इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि और सामूहिक खेती को बढ़ावा देते हुए बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना है.