पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को ग्रामीण विकास की योजना 'मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना' और 'मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना' का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के परिवारों को वासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत 60 हजार रुपये की मदद घर बनाने के लिए जमीन खरीदने के लिए दी जाएगी, जिनका चयन प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत हो गया है, लेकिन वे भूमिहीन हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों की तरफ से घर बनाने के लिए जो जमीन खरीदी जाएगी वह रजिस्ट्रेशन फी से मुक्त रहेगी. उन्होंने कहा कि साल 1996 के पहले क्लस्टर में बने जर्जर हो चुके इंदिरा आवास के फिर से निर्माण के लिए सरकार संबंधित परिवारों को 1.20 लाख रुपये उपलब्ध कराएगी. इससे संबंधित 200 परिवारों को उनके बैंक खाते में पैसे भेज दिए गए हैं.


नीतीश कुमार ने कहा, "विभाग का लक्ष्य राज्य में एक भी अतिपिछड़ा, दलित, महादलित और आदिवासी वासरहित (बेघर) नहीं रहे, इसे निश्चित किया जा रहा है. इस योजना को लेकर विभाग बहुत गंभीर है." उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्राम परिवहन योजना की शुरुआत की जाएगी, जिसमें प्रत्येक प्रखंड में पांच लोगों को वाहन खरीदने के लिए दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी, जिसमें एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी की अवधारणा थी कि जो व्यक्ति अंतिम पायदान पर है, हाशिए पर है, उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाना चाहिए. हमलोग हर परिवार को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, इसके लिए विकेंद्रित तरीके से काम कर रहे हैं. इस मौके पर 'मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना' और 'मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना' की संरचना, उद्देश्य और लक्ष्य पर आधारित डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुति की गई. 'मुख्यमंत्री वासस्थल क्रय सहायता योजना' और 'मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना' के कुछ लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने चेक भी दिए. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने भी संबोधित किया.