पटना: फागू चौहान को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. ऐसा शिष्टाचार रहा है कि राज्यपाल बदले जाने से पहले मुख्यमंत्री को इसकी औपचारिक सूचना दी जाती रही है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सूत्र बताते हैं कि लालजी टंडन के तबादले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकरी दी. नीतीश ने बस इतना कहा कि टीवी से पता चल गया है.


बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच अविश्वास की डोर मज़बूत होती जा रही है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू केंद्र में साथ तो है लेकिन सरकार में शामिल नहीं है. जेडीयू और बीजेपी के बंधन में इसको लेकर गांठ पड़ गई. राज्यपाल बदले जाने से पहले सूचित नहीं किए जाने को नीतीश कुमार ने मुद्दा तो नहीं बनाया लेकिन एक और गांठ पड़ गई. अगले साल 2020 में राज्य में विधान सभा चुनाव होने हैं. इसी बीच नीतीश कुमार का आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान के घर जाना और खाना खाना दबाव की राजनीति का हिस्सा मानी जा रही है.


आरजेडी नेता भोला यादव ने कहा कि राज्यपाल का तबादला केंद्र सरकार का प्रोपेगेंडा है कि वो किसे रखेंगे और किसे नहीं रखेंगे. इसपर क्या कहा जाए, जो आए हैं उनका स्वागत है. उधर कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि एकाएक राज्यपाल का तबादला होना कई सवाल खड़े कर रहा है. एक विधायक को राज्यपाल बनाया गया है. इसमें बीजेपी को सोची समझी राजनीति दिखती है. वहीं आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा कि राज्यपाल के पद पर बैठे व्यक्ति का निष्पक्ष होना बहुत ही आवश्यक है. लेकिन बीते दिनों में ये देखा जा रहा है कि किसी खास संगठन के प्रति प्रतिबद्ध व्यक्ति को राज्यपाल बनाया जा रहा है.


इसके साथ ही कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि इन दिनों जो खटास जेडीयू और बीजेपी के बीच बढ़ी है, ये बताने के लिए काफी है कि आने वाले समय में बिहार में अस्थिरता के दौर से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसा लग रहा है कि बिहार राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रहा है. ये भी कह सकते हैं कि कहीं समय से पहले विधानसभा का चुनाव न हो जाए. उधर बीजेपी नेता नितिन नवीन ने कहा कि हमारे यहां कोई खटास नहीं है. उन्होंने राज्यपाल के तबादले को हल्के अंदाज में टाल दिया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल संविधान के हिसाब से काम करते हैं.


बिहार में पांच साल में छह गर्वनर

बिहार में पांच सालों में पांच गवर्नर बदले गए हैं. 2014 में केशरी नाथ त्रिपाठी को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया. इसके बाद रामनाथ कोविंद को इस पद के लिए नियुक्त किया गया. इस पर वे साल 2015-17 के दौरान रहे. रामनाथ कोविंद के बाद एक बार फिर से केशरीनाथ त्रिपाठी को 2017 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया. इसके बाद 2017-18 के दौरान सत्यपाल मलिक बिहार के राज्यपाल बनाए गए. 2018 में ही लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया. अब फागू चौहान बिहार के नए राज्यपाल बनाए गए हैं.