नीतीश ने गडकरी से हिसाब चुकता किया, मंच से ही नमामि गंगे और जलमार्ग परियोजना की हवा निकाली
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना को बिना असफल बताए उसकी सफलता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए.
नई दिल्लीः बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर नीतीश-बीजेपी में खींचतान तो जारी है ही लेकिन इस बीच केंद्र और बिहार सरकार भी आमने-सामने आ चुकी है. आज पटना में नीतीश कुमार ने भरी सभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अपना हिसाब बराबर कर लिया, नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना को बिना असफल बताए उसकी सफलता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए. नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में कहा कि गंगा की न तो निर्मलता बची है और न ही अविरलता. नीतीश कुमार ने इसके साथ ही केंद्र सरकार की जलमार्ग परियोजना को भी फ्लॉप करार दिया.
चर्चा यही है कि नीतीश कुमार ने आज नितिन गडकरी के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें नितिन गडकरी ने बिहार में दो लाख करोड़ रूपये की सड़क परियोजनाओं के फंसे होने का ठीकरा बिहार सरकार पर फोड़ा था.
जलवायु परिवर्तन पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के ईस्ट इंडिया कॉन्क्लेव कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने ये बातें कहीं और जिस दौरान नीतीश केंद्र सरकार की योजनाओं की बखिया उधेड़ रहे थे मंच पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे. जलवायु परिवर्तन की चर्चा में नीतीश ने गंगा का मसला मज़बूती से उठाया. पूरी तैयारी के साथ आये दिख रहे नीतीश कुमार ने नमामि गंगा परियोजना की मंच से ही हवा निकाल दी. उन्होंने आरोप लगाया कि लोग कहते हैं कि बिहार में ख़ूब पानी है लेकिन ऐसा नहीं है, गंगा नदी में इतने बांध बना दिए गए हैं कि पानी का प्रवाह ही रुक गया है. नीतीश ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार ने पर्यावरण के साथ सबसे कम छेड़छाड़ की, बिहार ने गंगा का प्रवाह बढ़ाया है लेकिन फिर भी आज बिहार प्रकोप झेल रहा है. गंगा की निर्मलता और अविरलता पर सवाल उठाते हुए नीतीश ने कहा कि गंगा नदी में काई दिखाई देने लगा है, जैसे जमे हुए पानी में दिखता है, कई जगहों पर गंगा का पानी नाले के पानी जैसा हो गया है. सिल्ट को हम निकाल लें लेकिन इससे सिल्ट मैनेजमेंट नहीं होगा बल्कि नदी के प्रवाह से ही सिल्ट को निकालना होगा.
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के बहाने नितिन गडकरी की जलमार्ग परियोजना की भी हवा निकाली, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल जनवरी में बनारस से पटना आ रहा एक जहाज बक्सर के पास गंगा नदी में फंस गया. दो महीने पहले उस जहाज को निकालने के लिए दूसरा जहाज भेजा गया, वो जहाज भी उससे कुछ दूर पहले ही नदी में फंस गया क्योंकि बक्सर में गंगा नदी की गहराई एक मीटर बची है, इसमें जहाज कैसे चलेगा! गौरतलब कि केंद्र सरकार ने बनारस से पटना तक केंद्रीय जलमार्ग बनाया है.
सियासी गलियारे में हो रही चर्चाओं के मुताबिक नीतीश कुमार नितिन गडकरी पर खासे नाराज हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने के क्रम में नितिन गडकरी ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था. गडकरी का कहना था कि बिहार सरकार की लापरवाही के कारण सूबे में दो लाख करोड़ रूपये की सड़क परियोजनाएं फंसी पड़ी है. नाराज नीतीश ने अगले ही दिन अधिकारियों से इसका जवाब दिलवाया था. आज केंद्र सरकार के कार्यक्रम में उन्होंने खुद भी बदला चुका लिया.