पटना: कोरोना लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर नीतीश सरकार और केजरीवाल सरकार में तकरार देखने को मिल रही है. बिहार सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा ट्रेन का किराए देने की मांग को अस्वीकार कर दिया है.आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने दिल्ली सरकार के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि बिहार सरकार से जो ट्रेन का किराया देने की मांग की गई है वह सही नहीं है.
बता दें कि सात मई को दिल्ली सरकार ने एक पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर के लिए श्रमिक स्पेशल का किराया दिल्ली सरकार ने दिया है और इसे बिहार सरकार दिल्ली सरकार को वापस करे. अपने जवाब में प्रधान सचिव ने रेलवे बोर्ड की उस चिठ्ठी का हवाला दिया जिसमें साफ साफ लिखा है कि स्थानीय राज्य सरकार पैसेंजर से टिकट का पैसा वसूल कर रेलवे को देगा. प्रधान सचिव ने पत्र में लिखा है कि बिहार सरकार सीधे उन प्रवासी मज़दूरों को टिकट का पैसा देगी जो ट्रेन से चलकर आए हैं और 21 दिन तक क्वाॉरंटीन में रहे. साथ ही उन्हें अलग से पांच सौ रुपये भी देगी.
बता दें कि शुक्रवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए दिल्ली से 1200 श्रमिकों को लेक एक ट्रेन खुली. इसके बाद केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि श्रमिकों को लेकर दिल्ली से मुजफ्फरपुर बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया अरविंद केजरीवाल सरकार देगी. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ.
इस ट्वीट के बाद बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने गोपाल राय के ट्वीट का स्क्रीनशॉट लेकर ट्वीट किया, ' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि हम श्रमिकों को भाड़े की रकम के अलावा 500 रुपए अतिरिक्त भी देंगे, तो दिनदहाड़े दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं? यह तो नीतिगत बात है, लेकिन आप कोविड-19 के समय भी इतनी ओछी राजनीति करें, शोभा नहीं देता.''