रेलवे पर सरकार का ही नियंत्रण रहे- नीतीश कुमार
बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि रेलवे ढ़ांचागत सुविधा और तेजी से विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का उपयोग किया जाएगा. इस पर नीतीश कुमार ने बयान जारी करते हुए सरकार से कहा कि उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह संदेश न जाए कि रेलवे का निजीकरण किया जाएगा.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि रेलवे पर सरकार का ही नियंत्रण होना चाहिए. उन्होंने साफ किया कि वे रेलवे के निजीकरण के खिलाफ हैं. आज पटना में विधानसभा के सीएम चैंबर में अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने रेल चलाना शुरू किया था लेकिन आज़ादी के पहले और बाद में पूरे देश को एक करने में भारतीय रेल का बड़ा योगदान रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को एक सूत्र में बांधने में रेलवे ने बड़ी भूमिका अदा की है. देश छोटे-छोटे स्टेट में बंटा था जिसे एक किया गया. हमारा देश फ्रांस और जर्मनी नहीं है जहां निजीकरण किया गया. नीतीश ने कहा कि हमारे ही समय में रेलवे में दो कॉरपोरशन शुरू किए गए. आईआरसीटीसी और रेल वर्क कॉरपोरशन के ज़रिए काम शुरू हुआ. बाद में पीपीपी मोड में काम शुरू हुआ.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था, ‘‘रेलवे ढांचागत सुविधा के लिये 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत, तेजी से विकास और रेलवे में यात्री और माल ढुलाई सेवाओं के विस्तार के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का उपयोग किया जाएगा.’’
इस पर नीतीश कुमार ने कहा था कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि इससे यह संदेश न जाए कि रेलवे का निजीकरण किया जाएगा. बयान जारी करते हुए सीएम ने कहा था, ''रेलवे की योजनाओं को पूर्ण करने के लिए जन-निजी-भागीदारी के तहत राशि उगाही की बात कही गई है. सरकार को ध्यान देना चाहिए कि इससे यह संदेश न जाए कि रेलवे का निजीकरण किया जाएगा.''