पटना: मोदी सरकार में जेडीयू के शामिल नहीं होने के फैसले के बाद पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पटना पहुंचे. पटना पहुंचते ही उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल नहीं होने के पीछे की वजह बताई और साफ किया कि अब जेडीयू मंत्रिमंडल में कभी शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मंत्री बनाने के लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ.
नीतीश कुमार ने कहा कि 29 मई की बैठक में बातचीत हुई थी उसमें अमित शाह ने मंत्रिमंडल पर चर्चा करने के लिए कहा था. अमित शाह ने कहा था कि सभी घटक दलों से एक-एक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए. जब एक की बात आई तो मैंने कहा था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. जेडीयू की कोर टीम ने कहा यह उचित नहीं है. नीतीश ने कहा कि सांकेतिक भागीदारी की जरूरत नहीं है और जेडीयू के सभी लोगों की यही राय है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘’मैंने कुछ मांगा ही नहीं. जेडीयू की तीन मंत्रियों की मंत्रिमंडल में डिमांड की बात गलत है. कोई जरूरी नहीं है कि हम मंत्रिमंडल में शामिल हों.’’ उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोई अफसोस या परेशानी नहीं है. बीजेपी से यह कह दिया है. हम एनडीए के साथ हैं और रहेंगे. सुबह अमित शाह का फोन आया तो उन्हें भी पार्टी और अपनी राय से अवगत करा दिया है. नीतीश ने कहा, ‘’सरकार के गठन पर मैं कोई प्रतिक्रिया नही दूंगा. किसे मंत्री बनाया जाए यह बीजेपी का अंदरूनी मसला है. लोकसभा चुनाव में गरीब-गुरबा, अतिपिछड़ा और महिला सभी ने साथ दिया. बीजेपी पूर्ण बहुमत में है. उनका निर्णय होगा किसे मंत्री बनायेंगे.’’
जेडीयू अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से बात नहीं हुई है. भूपेंद्र यादव और अमित शाह से बात हुई है. पहले अटल जी अपनी सभी सहयोगियों से बात कर लेते थे कि किस सहयोगी को मंत्रिमंडल में कितन शामिल करना है. हम सिर्फ किशनगंज हारे. बीजेपी 17 जीती तो पांच मंत्री बनाये. नीतीश ने कहा, ‘’हम आगे भी कभी भी नहीं कहने वाले हैं और किसी भी ऐसी बैठक में शामिल भी नहीं होंगे.’’