पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंगर खाने पर लगने वाले जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को माफ किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है. गौर करने वाली बात ये है कि इस ट्वीट में उन्होंने कहीं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र नहीं किया है. हालांकि उन्होंने अरुण जेटली को इसमें टैग किया है.


सूचना विभाग की प्रेस रिलीज में पीएम का नाम नहीं


नीतीश सरकार के सूचना विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें लिखा है कि लंगर में इस्तेमाल किए जाने वाले राशन पर जीएसटी के तहत छूट देने के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया है. धार्मिक संस्थानों की तरफ से चलाए जा रहे लंगर के लिए खरीदे जा रहे सामान पर लगाए जा रहे जीएसटी के कारण धार्मिक संस्थानों का खर्च ज्यादा होता था, जिससे धार्मिक संस्थानों के साथ-साथ आम लोगों को भी कठिनाईयां होती थी.


धार्मिक संस्थानों के लंगर पर नहीं लगेगा GST, स्वर्ण मंदिर को 300 करोड़ लौटाएगी सरकार






'सेवा भोज योजना' के तहत वसूले गए जीएसटी को लौटाएगी केंद्र सरकार


आपको बता दें कि लंगर पर लगने वाले जीएसटी को हटाने के लिए बिहार सरकार ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक चिट्ठी लिथी थी. केन्द्र सरकार ने 'सेवा भोज योजना' के तहत धार्मिक संस्थानों से मुफ्त भोजन कराने के लिए खरीदे गए सामान पर वसूले गए जीएसटी को लौटाने का फैसला किया है. इससे धार्मिक संस्थानों और आम लोगों को सहूलियत होगी.


बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का जिक्र भी नहीं


पिछले कुछ समय से बीजेपी से खिंचे-खिंचे से नज़र आ रहे नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का ज़िक्र ना तो प्रेस रिलीज में और ना ही अपने ट्वीट में कहीं नहीं किया है. इतना ही नहीं नीतीश सरकार में सहयोगी दल बीजेपी के नेता और बिहार के डिप्टी  मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बारे में भी कोई जिक्र नहीं है.


 क्या एक बार फिर आमने-सामने हैं नीतीश और मोदी?


आपको ये भी बता दें कि सुशील मोदी जीएसटी काउंसिल में हैं और इसका सारा क्रेडिट वो खुद ले रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार और अरुण जेटली काफी अच्छे मित्र हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नीतीश और मोदी एक बार फिर आमने-सामने हैं?