पटना: बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस से कहा कि वे एक हजार करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है लेकिन क्राइम कंट्रोल करिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे सिस्टम को इफेक्टिव बनाने के लिए अगर हजार करोड़ रुपये लगाने की जरूरत हुई तो लगाएंगे. आज पटना में डायल 100 को नए टेक्नोलॉजी के आधार पर नई सुविधा के साथ लॉन्च किया. इस मौके पर नीतीश ने पुलिस की खिंचाई भी की. पुराने किस्से भी सुनाए. कुछ अपना अनुभव भी बताया.


नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 से डायल 100 शुरू है. बिहार पुलिस में कमी और उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए हमने काम शुरू किया. सीएम ने बताया कि उनके सरकार में आने से पहले कम उम्र के अपराधी को बूढ़े हो चले पुलिस वाले पकड़ नहीं पाते थे. पुलिस वालों के पास ठीक से पोशाक और चप्पल भी नहीं होता था. पुराना रायफल 3 नॉट थ्री ही हुआ करता था. पटना में एक लड़की के साथ हुई छेड़खानी की घटना में पेट्रोलिंग में लगी पुलिस पांच मिनट देर से पहुंची थी तब उन्होंने आईजी से लेकर थानेदार तक बदल डाला था.


मुख्यमंत्री ने बदले हुए हालात में डायल 100 की विशेषता बताई. उन्होंने ये भी कहा कि लैंडलाइन फोन की जरूरत है उसे चालू रखा जाए. बिल भुगतान नहीं होने या खराब हो जाए तो उसका आधे घण्टे के अंदर समाधान करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी थानों में दो गाड़ियां दी जाएं. नीतीश ने साफ कहा कि हर महीने मुख्यालय स्तर पर मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव और जिलों में डीएम एसपी 15 दिन में बैठक करें. अपना अनुभव बताते हुए कहा कि जनता दरबार में सबसे ज्यादा पुलिस और जमीन विवाद के मामले से जुड़ी शिकायतें आती थीं. आज भी जमीन को लेकर झंझट है.


इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को पेट्रोलिंग पर ध्यान देने के लिए कहा. शहर में 15 से बीस मिनट में पुलिस को पहुंचना चाहिए. गांव है तो 30 से 35 मिनट में पहुंच जाएं. उन्होंने कहा कि पुलिस की संख्या बढ़नी है तो प्रोपोजल दीजिए. थानों की बिल्डिंग अब देख लीजिए. गांधी मैदान देश का पहला थाना है जिसमें लिफ्ट है. सुविधा हम देंगे लेकिन निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि थानों में पोस्टिंग करते समय सोशल बैलेंस रखें.


इस दौरान मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में किसी के साथ फोटो खींचकर लगा देते हैं. जनप्रतिनिधियों को पता भी नहीं रहता है और वो वायरल हो जाता है.