लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि वह सूबे में शराब पर बैन नहीं लगाएगी. प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने विधानसभा में कहा कि आबकारी विभाग के राजस्व का इस्तेमाल लोगों के कल्याण और विकास की योजनाओं में किया जाता है.


जय प्रताप सिंह ने कहा कि शराब पर प्रतिबंध लगाने से प्रदेश में इसकी अवैध बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और लोग अवैध तरीकों से इसे खरीदने लगेंगे. इससे उनके सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. इस तरह, ‘‘व्यापक राजस्वहित और जनहित लिए प्रदेश में शराबबंदी लागू किया जाना सही नहीं लगता.’’ आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह, कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार लल्लू की ओर से सदन में उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे.


संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह विडम्बना है कि वह कांग्रेस प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा उठा रही है, जिसने इस देश और प्रदेश पर 50 साल से ज्यादा समय तक राज किया. उन्होंने कहा कि वह शराब का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन इस पर पाबंदी लगाना भी व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं है.


प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए खन्ना ने कहा, ‘‘पिछली सरकार में अपहरण की घटना होने पर लोग उसे छुड़ाने के लिए पुलिस के बजाय एसपी नेताओं के पास जाते थे. उन्हें (समाजवादी पार्टी) गुंडों और अपराधियों को संरक्षण देने के लिये नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.’’ सदन में एसपी और विपक्ष के नेता राम गोविन्द चैधरी ने संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान पर आरोप लगाया कि दरअसल, बीजेपी अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है.