झारखंड में अब कोई भूखा नहीं मरेगा और हम द्वेष की राजनीति नहीं करेंगे- हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि सभी जानते हैं कि पिछली सरकार में भूख से भी अनेक मौतें हुईं लेकिन नयी सरकार के कार्यकाल में ऐसी कोई मौत नहीं होगी. उनकी सरकार द्वेष के भाव से राजनीति करने में विश्वास नहीं करती है.
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज दावा किया कि उनके शासन में राज्य में कोई भूखा नहीं मरेगा और न ही उनकी सरकार द्वेष की राजनीति करेगी. झारखंड विधानसभा में आज दूसरे अनुपूरक बजट मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी दी . जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.. सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार द्वेष के भाव से राजनीति करने में विश्वास नहीं करती है न ही वह व्यक्तिगत रंजिश में विश्वास रखते हैं.उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनकी सरकार के सामने बड़ा आर्थिक संकट है क्योंकि राज्य सरकार के खजाने खाली हैं लेकिन वह इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने अपनी पहली मंत्रिमंडल में ही राज्य के सभी अनुबंधकर्मियों और छोटे कर्मचारियों के बकाये के भुगतान के निर्देश दिये थे और इसके लिए अनुपूरक बजट में वित्तीय व्यवस्था की है.
उन्होंने विपक्ष के हमले के बीच दावा किया कि राज्य की पिछली सरकार ने सीएनटी और एसपीटी अधिनियमों के प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था लेकिन उसकी रिपोर्ट को वह लागू नहीं कर सकी लेकिन वह सुनिश्चित करेंगे कि इसकी रिपोर्ट को पूरी तरह से और सख्ती से लागू की जाये.
हेमंत ने दोहराया कि वह राज्य की वित्तीय स्थिति पर विभागवार विस्तृत श्वेत पत्र जनता के सामने पेश करेंगे.
बता दें कि हेमंत सोरेन ने 38 साल की उम्र में पहली बार 13 जुलाई, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. वह इस पद पर 23 दिसंबर, 2014 तक बने रहे और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर वह 28 दिसंबर, 2014 तक पद पर बने रहे. झारखंड में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. उसने सत्ताधारी बीजेपी को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं. जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया और गठबंधन ने बीजेपी को हराकर सत्ता हासिल की.
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