लखनऊ: अखिलेश यादव अपने गृह जिले इटावा में भव्य विष्णु मंदिर बनाना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनी तो फिर कंबोडिया की तरह विष्णु के नाम पर एक नगर भी बसाया जाएगा. चंबल के बीहड़ों में अंगकोरवाट की तर्ज़ पर एक मंदिर बनाने की उनकी तमन्ना है. ये बात अखिलेश ने तीन दिन पहले कही थी. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी के राम मंदिर के टक्कर में वे विष्णु मंदिर का मुद्दा लेकर आए हैं. पार्टी के अंदर और बाहर, ख़ास तौर से मीडिया ये जानना चाहती है कि अखिलेश के इस मंदिर वाले फ़ार्मूले के क्या मायने हैं ?


यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कल अपने सभी विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की बैठक बुलाई. उन्होंने सबको विष्णु मंदिर वाले मामले पर कुछ भी न बोलने से मना कर दिया. अखिलेश ने मीटिंग में इस बात का ब्यौरा दिया कि उन्होंने मंदिर को लेकर क्या और क्यों कहा था. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. किसी भी मुद्दे पर मीडिया में क्या बोलना है ? हर दिन इस ग्रुप में बता दिया जाता है.


न्यूज़ चैनलों के डिबेट में अलग अलग मुद्दों पर पार्टी का क्या रूख है, ये भी बताया और समझाया जाता है. पिछले दो दिनों से विष्णु मंदिर पर अखिलेश यादव के बयान की ही चर्चा है.लेकिन सभी प्रवक्ताओं को कहा गया कि इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करेगा. जिन न्यूज़ चैनलों में बहस का यही मुद्दा था, वहां पार्टी प्रवक्ता को जाने से रोक दिया गया. अब समाजवादी पार्टी के सभी छोटे बड़े नेता विष्णु मंदिर के मुद्दे पर मौन हो गए हैं.


एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए अखिलेश यादव ने विष्णु मंदिर बनाने का आइडिया दिया था. उनका कहना है कि सरकार बनने पर इटावा में दो हज़ार एकड़ ज़मीन पर भव्य मंदिर बनेगा. ये जगह लायन सफ़ारी के बग़ल में है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव अब पश्चाताप करना चाहते हैं. 1990 में जब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे. राम मंदिर बनाने जा रहे कारसेवकों पर गोली चलाई गई थी. इसमें 16 लोगों की जान चली गई थी. बीजेपी नेता और यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि अखिलेश यादव को राम मंदिर बनाने के लिए आगे आना चाहिए.