खुले में नमाज पर विवाद: भड़के ओवैसी ने पूछा- नमाज से शांति को खतरा कैसे
बता दें कि नोएडा के एसएसपी ने यहां की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चिट्टी भेजकर कहा है कि अगर उनके मुस्लिम कर्मचारी शुक्रवार को पार्क जैसी सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते हैं तो इसके लिए कंपनी को दोषी माना जाएगा. नोएडा पुलिस की दलील है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस तरीके की पब्लिक मीटिंग से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है.
नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में खुले में नमाज पर पुलिस के पहरे ने अब सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है. खुले में नमाज अदा करने पर रोक पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, "यूपी पुलिस ने कांवड़ियों के लिए तो फूलों के पंखुड़ियों की बौछार की, लेकिन सप्ताह में एक बार की जाने वाली नमाज शांति और सद्भाव को बाधा पहुंचा सकती है, यह मुसलमानों को बताया जा रहा है कि आप कुछ भी कर लो, गलती तो आपकी ही होगी."
'इसके अलावा, कानून के अनुसार, कोई व्यक्ति कर्मचारी अगर व्यक्तिगत तौर पर कुछ करता है तो इसके लिए किसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कैसे उत्तरदायी ठहरा जा सकता है?'
बता दें कि नोएडा पुलिस ने खुले में नमाज पर पुलिस ने पहरा लगा दिया है. नोएडा के एसएसपी ने यहां की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चिट्टी भेजकर कहा है कि अगर उनके मुस्लिम कर्मचारी शुक्रवार को पार्क जैसी सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते हैं तो इसके लिए कंपनी को दोषी माना जाएगा. नोएडा पुलिस की दलील है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस तरीके की पब्लिक मीटिंग से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है. नोएडा पुलिस ने कंपनियों से कहा है कि वो अपने कर्मचारियों को मस्जिद, ईदगाह या दफ्तर के परिसर के अंदर ही नमाज पढ़ने के लिए कहें.
नोटिस के मुताबिक, अगर आदेश का उल्लंघन हुआ या कार्यालयों के कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करते पाए गए तो इसके लिए कंपनियां दोषी मानी जाएंगी.
नोएडा के सेक्टर 58 पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में आने वाले नोएडा अथॉरिटी के पार्क में खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाई है. इसके लिए पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया के सभी कंपनियों को नोटिस भेजा है.
जिन कंपनियों के कार्यालय नोएडा में हैं, उनमें एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एल्सटॉम सिस्टम्स, ज़ांसा, इंटररा, पोलारिस, आर सिस्टम्स, आरएमएसआई, ताल, एडोब इंटरनेशनल, टीसीएस, एसटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, सैमसंग और मिंडा हफ शामिल हैं.
नोएडा की कंपनियों ने इस मामले पर पुलिस के आला अधिकारियों से बातचीत की मांग की है. वो कर्मचारियों द्वारा आदेश के उल्लंघन पर खुद को जिम्मेदार ठहराने पर चर्चा चाहते हैं.
इस पूरे मामले पर नोएडा पुलिस का कहना है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े उसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है. नोएडा सेक्टर-58 के थाना प्रभारी पंकज राय ने कहा कि हमें कुछ दिनों से पार्कों में नमाज पढ़े जाने की शिकायत मिल रही थी. इसलिए हमने अपने इलाके की कुछ कंपनियों को नोटिस भेजे हैं.