नोएडा: यूपी के नोएडा में एक प्राइवेट लैब ने 35 लोगों की कोरोना वायरस की जांच की थी और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन जब सरकारी लैब में जांच की गई तो उन्हीं लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई. गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉक्टर दीपक ओहरी का कहना है कि हम ऐसी लैब्स की जांच कर रहे हैं और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस लैब के खिलाफ एफआईआर कर दी गई है.
सीएमओ ने बताया कि यह लैब आईसीएमआर की गाइडलाइंस भी पालन नहीं कर रही है. हमने देखा है कि हरियाणा-गुड़गांव से भी छोटी-छोटी लैब हैं जिससे कि जो रिपोर्ट आ रही हैं, वह गलत आ रही है. इसमें सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, अभी ऐसी कुछ लैब्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी सख्त आदेश है कि कोई भी अस्पताल किसी भी मरीज को बिना इलाज के वापस नहीं लौटा सकता. जहां तक कोविड-19 और नॉन कोविड-19 के मरीजों का सवाल है, प्राइवेट अस्पताल यह कहकर मरीज को वापस नहीं कर सकता कि पहले कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाएगा. सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाए, उसके बाद उसका टेस्ट करवाया जाए. इसके बाद इलाज शुरू किया जाए.
दीपक ओहरी ने कहा कि यह नियम सरकारी और प्राइवेट सभी अस्पतालों पर लागू होते हैं. कोई भी प्राइवेट अस्पताल किसी भी मरीज को बिना इलाज के वापस भेजता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
शारदा अस्पताल के मामले पर उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और हम उसके खिलाफ जांच कर रहे हैं. जांच के बाद जो भी निकल आएगा उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे.
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