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नमाज पर विवाद: नोएडा विकास प्राधिकरण ने कहा- पार्कों में नमाज की इजाजत न दी गई है न ही भविष्य में दी जायेगी
नोएडा विकास प्राधिकरण के उपनिदेशक (उद्यान) महेंद्र प्रकाश ने कहा कि प्राधिकरण के किसी पार्क में न तो नमाज अदा करने की कभी अनुमति दी गई है, और न ही भविष्य में दी जायेगी, क्योंकि प्राधिकरण के नियमों में नमाज के लिए अनुमति का प्रावधान ही नहीं है.
नोएडा: नोएडा के पार्कों में नमाज पढ़ने पर लगी पाबंदी के बीच नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि नोएडा के किसी भी पार्क में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
नोएडा विकास प्राधिकरण के उपनिदेशक (उद्यान) महेंद्र प्रकाश ने कहा कि प्राधिकरण के किसी पार्क में न तो नमाज अदा करने की कभी अनुमति दी गई है, और न ही भविष्य में दी जायेगी, क्योंकि प्राधिकरण के नियमों में नमाज के लिए अनुमति का प्रावधान ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि शादी-विवाह और अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए शुल्क लेकर अनुमति दिए जाने का प्रावधान है. अनुमति के बिना पार्कों में कोई भी धार्मिक क्रियाकलाप नहीं होने दिया जाएगा.
वहीं, पार्क में नमाज अदा करने वाले मोहम्मदिया ट्रस्ट के लोगों का कहना है कि उन्हें नमाज पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए.
इस बारे में साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पाबंदी लगाए जाने के फैसले का समर्थन करते हुए सरकारी ज़मीनों पर बिना परमीशन किसी भी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाए जाने की मांग की है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का कहना है कि अकेले नमाज़ ही नहीं बल्कि सरकारी जगहों पर कोई भी धार्मिक आयोजन बिना परमीशन के नहीं होना चाहिए. इससे न सिर्फ यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि कई बार क़ानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है. महंत नरेन्द्र गिरि का कहना है कि नमाज़ पढ़ने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन नमाज़ मस्जिद या घरों में ही होनी चाहिए. सड़क पर नमाज़ होने से लोगों को दिक्कत होती है. उन्होंने कांवड़ यात्रा और नमाज़ की तुलना किये जाने को गलत बताया है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जो कानून आड़े आता है उसे धर्म से जोड़ दिया जाता है. कानून का पालन करना सभी का कर्तव्य है चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान. जरूरी नहीं है कि पार्क में ही नमाज पढ़ी जाये, नमाज पढ़नी है तो घर में पढ़ें या मस्जिद में पढ़ें.
बता दें कि नोएडा पुलिस ने खुले में नमाज पर पुलिस ने रोक लगा दी है. नोएडा के एसएसपी ने यहां की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चिट्टी भेजकर कहा है कि अगर उनके मुस्लिम कर्मचारी शुक्रवार को पार्क जैसी सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते हैं तो इसके लिए कंपनी को दोषी माना जाएगा. नोएडा पुलिस की दलील है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस तरीके की पब्लिक मीटिंग से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है. नोएडा पुलिस ने कंपनियों से कहा है कि वो अपने कर्मचारियों को मस्जिद, ईदगाह या दफ्तर के परिसर के अंदर ही नमाज पढ़ने के लिए कहें.
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