लखनऊः हाल ही में चर्चा में आए नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को उत्तर प्रदेश की सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. दरअसल वैभव कृष्ण का एक महिला से चैट का वीडियो वायरल हो गया था, जिसे उन्होंने फर्जी बताया था. लेकिन फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाई गई. गुजरात के फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया.


बता दें कि वीडियो वायरल हो जाने के बाद वैभव कृष्ण ने खुद एफआईआर कराई थी. मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. जांच के दौरान आईजी ने वीडियो को फॉरेंसिक लैब में भेजा था. अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किये जाने की वजह से वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया गया. उन्होंने प्रेस बुलाकर प्रशासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर दिया था.


वैभव कृष्ण ने आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी. उस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जबसे उन्होंने रिपोर्ट भेजी है, तबसे एक बड़ी लॉबी उनके ख़िलाफ़ साजिश रच रही है और जो वीडियो वायरल किया गया है. वो वीडियो सही नहीं है और वह इसी साजिश का हिस्सा है. नोएडा के चार पत्रकारों को गैंगस्टर ऐक्ट में गिरफ्तार किया गया था. इन पत्रकारों से बातचीत का सबूत देते हुए दावा है कि कुछ अधिकारी पैसे देकर ट्रांसफर कराने का खेल करते रहे हैं.


यूपी में कुल 14 आईपीएस अधिकारियों को तबादले से लेकर निलंबन हुआ है. लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी भी हटाए गए है. इसके अलावा रामपुर के एसएसपी अजय पाल शर्मा हटाए गए हैं. गाजियाबाद, सुल्तानपुर, इटावा और बांदा के पुलिस कप्तान भी हटाए गए.


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