इलाहाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में सेना के रिटायर्ड कर्नल और एडीएम के बीच छिड़े विवाद में सस्पेंड किये गए एडीएम हरिश्चंद्र को बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सस्पेंड एडीएम हरिश्चंद्र की अर्जी को फौरी तौर पर मंजूर करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. अदालत ने एडीएम के साथ ही उनकी पत्नी ऊषा चंद्रा और बेटे रोहित को भी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है. तीनों की गिरफ्तारी पर रोक पुलिस रिपोर्ट के पेश होने तक लगी है.
अदालत ने इस दौरान एडीएम हरिश्चंद्र और उनके परिवार के लोगों को पुलिस जांच में पूरा सहयोग करने की हिदायत दी है. जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने कर्नल और एडीएम के बीच विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है. अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार और नोएडा पुलिस से रिपोर्ट भी तलब कर लिया है.
रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान की शिकायत पर गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा के सेक्टर 29 में रहने वाले एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हरिश्चंद्र, उनकी पत्नी ऊषा चंद्र और बेटे रोहित समेत सात लोगों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था. पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी. तीनों ने सत्ताइस अगस्त को हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की अपील की थी.
मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच में हुई. अदालत ने फौरी तौर पर इसे आपसी विवाद माना और टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्षों को क़ानून का सम्मान करना चाहिए. एससी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एडीएम हरिश्चंद्र की पत्नी ऊषा ने रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान के खिलाफ छेड़खानी के साथ ही एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. नोएडा पुलिस ने पड़ताल किये बिना ही रिटायर्ड कर्नल को जेल भेज दिया था.