इलाहाबाद : यूपी की योगी सरकार को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सूबे के प्राइमरी स्कूलों में साढ़े बारह हजार टीचर्स की भर्ती के मामले में अदालत द्वारा बार - बार जवाब मांगे जाने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं करने पर हाईकोर्ट ने आज बेहद सख्त कदम उठाया है. हाईकोर्ट ने आज यूपी के बेसिक एजूकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेट्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें फ़ौरन गिरफ्तार किए जाने और एक अगस्त को कस्टडी में कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश दिया है. अदालत ने कई बार आदेश के बावजूद इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर योगी सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई है. अदालत ने योगीराज में सरकारी अफसरों के रवैये पर तल्ख़ टिप्पणी भी की है. हाईकोर्ट के इस आदेश से हड़कंप मच गया है.
दरअसल यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी के प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर्स के 12460 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला. चुनाव के दौरान प्रक्रिया ठप्प रही. योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही शिक्षा विभाग की दूसरी भर्तियों की तरह इस मामले में भी मौखिक आदेश से भर्तियों पर रोक लगा दी. लम्बे अर्से तक रोक जारी रही तो तमाम अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस साल अप्रैल महीने में भर्तियों पर लगी रोक हटाते हुए योगी सरकार को प्रक्रिया दो महीने में पूरी किए जाने का आदेश दिया.
इस बीच मई महीने में कुछ अवनीश कुमार ने यूपी प्राइमरी टीचर्स सर्विस रूल्स 1981 के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देते हुए इस पर रोक लगाए जाने की मांग की. कहा यह गया कि इस नियम के मुताबिक़ बीटीसी ट्रेंड अभ्यर्थियों को अपने जिलों की भर्ती में वरीयता मिलती है, जबकि जारी हुए विज्ञापन में किसी भी जिले के अभ्यर्थी को सभी जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब मांगते हुए अगले आदेश तक के लिए भर्तियों पर रोक लगा दी.
अदालत ने कई बार जवाब मांगने के बावजूद यूपी सरकार द्वारा रिस्पांस नहीं दिए जाने अठारह जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में गहरी नाराज़गी जताई और यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री को आज तीस जुलाई को व्यक्तिगत तौर कोर्ट में पेश होकर सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल करने को कहा था. प्रिंसिपल सेक्रेट्री को भर्तियों में नियम तोड़ने के मामले में जवाब दाखिल करना था तो साथ ही पिछली सुनवाइयों में सरकार का जवाब दाखिल न होने पर भी हलफनामा पेश करना है.
मामले की सुनवाई आज जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच में हुई तो न तो प्रिंसिपल सेक्रेट्री खुद कोर्ट में हाजिर हुए और न ही सरकार की तरफ से किसी ने कोई जवाब दाखिल किया. अदालत ने इस पर गहरी नाराज़गी जताई और बेसिक एजूकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेट्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार किए जाने और एक अगस्त को कस्टडी में पेश किए जाने के सख्त आदेश दिए. अदालत ने इस मामले में योगी सरकार को फटकार लगाई और अफसरों की लापरवाही पर सवाल भी उठाए.