नई दिल्ली: देश की सियासत के केंद्र में इस वक्त हिंदू राष्ट्र की चर्चा हो रही है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है. अब बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने मांग की है कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में संशोधन किया जाए. एबीपी न्यूज़ ने सांसदों से जानना चाहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बन जाए तो क्या बदल जाएगा?


क्या देश हिंदू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है ? क्या देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत है ? देश की सियासत इस वक्त इन्हीं दो सवालों के इर्द गिर्द घूम रही है. खासकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदू राष्ट्र पर दिए बयान के बाद तो इस पर चर्चा और ज्यादा तेज़ हो गयी है.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को वे ऑफ लाइफ बताया है. ये कोई उपासना पद्धति नहीं है. अगर लोगों की जीवन पद्धति को सुधारने के लिए ये रास्ता उचित है तो हमें इसे अपनाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए.

बीजेपी सासंद साक्षी महाराज ने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में संशोधन करने की मांग कर दी? ऐसे में सवाल ये उठता है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर क्या होगा, क्या हिंदू राष्ट्र बनते ही देश का स्वरूप एकदम से बदल जाएगा. एबीपी न्यूज़ ने अलग-अलग पार्टियों के सांसदों की राय ली, जानना चाहा कि हिंदू राष्ट्र बनने से देश में क्या बदल जाएगा ?

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद तो इसे देश तोड़ने वाला करार दे रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिंदुत्व शब्द सावरकर जी लाए थे, आर्य समाजी थे, इसलिए हिंदुत्व का संबंध हिंदू धर्म से नहीं है.

शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि एक तरफ मोदी जी हैं. दूसरी तरफ योगी जो को बिठाया है, हिंदू राष्ट्र की ओर ये एक कदम बढ़ाया है. कांग्रेस से राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने कहा कि वेद पुराणों में कहीं भी हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं है, सनातन धर्म कहा गया है.

समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह ने कहा कि इससे देश टुकड़े टुकड़े हो जाएगा. वहीं इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन गया तो दुनिया में इसकी इज्जत खत्म हो जाएगी.

धर्म के नाम पर जिन देशों का निर्माण हुआ उन्हें भी कहीं ना कहीं बदलना पड़ा, पड़ोसी देश नेपाल हिंदू राष्ट्र हुआ करता था लेकिन उसे भी बाद धर्मनिरपेक्ष बनना पड़ा.

योगी आदित्यनाथ के हिंदू राष्ट्र के बयान पर विवाद बढ़ गया है. कम ही लोग जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की खुलकर वकालत करते रहे हैं. गोरक्षपीठ का महंत होने के नाते नेपाल राजघराने से भी उनके संबंध रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले टीवी इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने भारत के लिए हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को सही माना है. नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भी योगी आदित्यनाथ आंदोलन चलाते रहे हैं.

नेपाल के साथ योगी आदित्यनाथ का पुराना नाता है. कहते हैं नेपाल के मशहूर पशुपति नाथ मंदिर में बैठकर बाबा गोरखनाथ ने 12 साल तक तपस्या की थी. यहां बाबा गोरखनाथ की धुनी आज भी मौजूद है. नेपाल की राजशाही भी बाबा गोरखनाथ की भक्त थी. राजतंत्र के खात्मे से पहले तक नेपाल की करेंसी पर बाबा गोरखनाथ के चरण चिन्ह होते थे.

कहते हैं कि नेपाल का राजपरिवार खुद बाबा गोरखनाथ का शिष्य है. यही वजह है कि नेपाल राज परिवार की तरफ से खिचड़ी हर साल बाबा गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाई जाती है. बाबा गोरखनाथ के बनाए रिश्ते को योगी आदित्यनाथ ने भी बनाए रखा है. योगी आदित्यनाथ विश्व हिंदू महासंघ की भारत शाखा के अध्यक्ष हैं जिसकी नेपाल में अच्छी खासी पैठ है.

योगी आदित्यनाथ नेपाल में ना सिर्फ हिंदू राष्ट्र के पक्षधर रहे हैं बल्कि राज्य में हिंदू राजतंत्र के भी खुलकर हिमायत करते रहे हैं. पिछले साल सितंबर महीने में योगी ने नेपाल हिन्दू युवा वाहिनी को गठित किया था और नेपाल में ज्ञानेंद्र राज भट्ट को युवा वाहिनी का अध्यक्ष बनाया गया है. सितंबर महीने से अबतक 10 हज़ार के करीब युवकों को इस संगठन से जोड़ा गया है.