आगरा: ताजमहल में अब पर्यटक सिर्फ तीन घंटे ही रूक सकेंगे. ताजमहल पर पर्यटकों के बोझ को कम करने के लिए एक नया आदेश लाया गया है. यह नया आदेश रविवार से लागू हो रहा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, 17वीं शताब्दी के स्मारक पर 'मानव भार' को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.


एएसआई के सूत्रों ने कहा कि रूपरेखा तैयार की जा रही है क्योंकि टिकटों की जांच के लिए और नए समय के निर्देशों को लागू करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. सफेद संगमरमर की इस इमारत पर भीड़ प्रबंधन केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. छुट्टियों और वीकेंड में पर्यटकों की संख्या 50,000 से ऊपर तक पहुंच जाती है.


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वहीं वैलेंटाइन डे से ठीक एक दिन पहले केन्द्र सरकार में संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने ताजमहल देखने के लिए बढ़ी हुई फीस का ऐलान किया. अब ताजमहल का दीदार करने के लिए 50 रूपये एंट्री टिकट के लिए देने होंगे. इससे पहले टिकट की फीस 40 रूपये थी. बढ़ाई गई फीस एक अप्रैल से लागू की जाएगी. इतना ही नहीं अब एक टिकट केवल 3 घण्टे के लिए ही वैध माना जाएगा. जबकि पहले एक टिकट पर आप दिन भर ताजमहल परिसर में रह सकते थे.


ताजमहल में मौजूद मकबरे को देखने के लिए प्रति व्यक्ति को अलग से 200 रुपये देने होंगे. पहले एंट्री फीस से ही मकबरे का भी दर्शन हो जाता था. हालांकी पहले की तरह ही 15 साल तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क रखा गया है.


पिछले कुछ महीनों में ताजमहल लगातार ग़लत कारणों से सुर्खियों में रहा है. बीजेपी नेता विनय कटियार और संगीत सोम ने ताजमहल के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करते हुए उसे मन्दिर करार दिया था. वहीं पिछले साल योगी सरकार के पर्यटन विभाग से जारी की गई मैगजीन से ताजमहल का नाम हटा दिया गया था. इसे लेकर सरकार की चौतरफा आलोचना हुई थी.


बता दें कि भारत में पर्यटन के जरिए होने वाली कमाई में ताजमहल का एक अच्छा खासा हिस्सा है. केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने लोकसभा में बताया था कि साल 2013-14 से लेकर साल 2015-16 तक ताजमहल से टिकटों के जरिए 75.91 करोड़ रुपये की कमाई हुई. दुनिया भर के देशों में ताजमहल को भारत की शान के रुप में जाना जाता है. यही वजह है कि दुनिया भर के पर्यटक ताजमहल देखने के लिए भारत आते हैं.