पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय के विधि व्यवस्था प्रभाग के अपर पुलिस निदेशक अमित कुमार को शुक्रवार को लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य राज्य से बिहार लौटे मजदूरों के संबंध में पत्र जारी करना महंगा पड़ा. प्रवासी मजदूरों की वजह से राज्य में अपराध बढ़ने की आशंका जताने के संबंध में जिलाधिकारी, SSP और SP को लिखे पत्र के बाहर आने के बाद मीडिया में जमकर बिहार पुलिस की किरकिरी हुई.


प्रवासियों को लेकर किये गए आपत्तिजनक टिप्पणी की वजह से लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाए और मुसीबत में फंसे प्रवासियों के लिए इस तरह की टिप्पणी करने पर उनसे माफी मांगने की बात कही. ऐसे में मामले को तूल पकड़ता देख बिहार पुलिस मुख्यालय के विधि व्यवस्था प्रभाग, अपर पुलिस निदेशक अमित कुमार ने दोबारा एक लेटर जारी किया, जिसमें उन्होंने पिछले लेटर को भूलवश जारी होने की बात कहते हुए उसे वापस लेने की घोषणा की.



दरसअल, बिहार पुलिस मुख्यालय के विधि व्यवस्था प्रभाग ने शुक्रवार (29 मई) को राज्य के सभी जिलाधिकारी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिख कर बिहार में बड़ी संख्या में प्रवासी माजदूरों के कारण क्राइम बढ़ने की आशंका जताते हुए स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की बात कही थी.


विधि व्यवस्था प्रभाग के अपर पुलिस निदेशक अमित कुमार की ओर से 29 मई को जारी पत्र में कहा गया, "पिछले दो महीने में राज्य में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों का आगमन हुआ है, जो इससे पहले देश के राज्यों में नौकरी करते थे. मौजूदा परिस्तिथि में वो गंभीर आर्थिक चुनौतियों की वजह से परेशान और तनावग्रस्त हैं. सरकार की कोशिशों के बावजूद सभी को उनके मन के लायक नौकरी मिलना मुश्किल है."



29 मई को लिखा पत्र

पत्र में आगे कहा गया, "ऐसी परिस्थिति में वो अपने और परिवार के लोगों का भरण पोषण करने के लिए अपराध और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में राज्य में आपराधिक घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिसका राज्य की विधि-व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. ऐसे में इस परिस्थिति का सामना करने के लिए स्थानीय परिदृश्य को देखते हुए योजना तैयार कर ली जाए. ताकि समय रहते जरूरी कार्रवाई की जा सके."


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