मंत्री राजभर का कहना है कि गीता में साफ तौर पर लिखा है कि माता - पिता की सेवा ही सबसे बड़ी ईश्वर भक्ति है, इसलिए वह कभी मंदिर निर्माण की बात नहीं करते और अपने माता - पिता की सेवा करके ही ईश्वर की प्राप्ति कर लेते हैं. उन्होंने नसीहत दी है कि मंदिर के नाम पर रोज़ आवाज़ उठाने वालों को भी गीता के इसी संदेश पर अमल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंदिर जाने से किसी को स्वर्ग थोड़े ही मिल जाता है.
प्रयागराज में मीडिया से बात करते हुए मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर उनके इस बयान से साधू -संत नाराज़ होते हैं तो भी उन्हें इसकी फ़िक्र नहीं होगी. जिनकी आस्था मंदिर में है, वह उसके लिए आवाज़ उठा सकते हैं, लेकिन उनकी आस्था गरीबों -किसानों व परेशान लोगों में हैं, इसलिए वह उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए आवाज़ उठाते रहते हैं.
योगी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शिवसेना द्वारा अयोध्या में किये गए भूमि पूजन को भी गलत बताया और कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति और जनता से जुड़े मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए शिवसेना ऐसा कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना की वास्तव में हिन्दू धर्म में आस्था है तो वह महाराष्ट्र में मंदिर तोड़े जाने के वक्त चुप क्यों थी. गुजरात और महाराष्ट्र में जब यूपी बिहार के लोगों को पीटा जा रहा था तब उद्धव ठाकरे चुप क्यों थे.