आपको बता दें कि बलिया में एक जनसभा के दौरान ओम प्रकाश राजभर ने जम कर शिवपाल यादव पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी तब केवल एक जाति को महत्व दिया गया बाकी पिछड़ी जातियों को नहीं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार से वो ऑफिस मांगते रहे लेकिन नहीं मिला, वहीं दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव को बंगला और सुरक्षा दे दी गई. उन्होंने शिवपाल सिंह यादव को बीजेपी का एजेंट करार दिया था.
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हालांकि उनके और शिवपाल के रिश्ते अच्छे माने जाते हैं. बहुत वक्त नहीं बीता जब शिवपाल और राजभर ने मुलाकात की थी. उस वक्त राजभर ने शिवपाल की तारीफें की थीं लेकिन अब वो उन्हें बक्शने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
राजभर ने दावा किया कि अगर बीजेपी ने वायदे के मुताबिक पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षण में कोटे की व्यवस्था नहीं की तो लोकसभा के आगामी चुनाव में वह उत्तर प्रदेश में बीजेपी का खाता नहीं खुलने देंगे. अगर बीजेपी ने 27 अक्टूबर तक इस पर फैसला नहीं लिया तो वह लखनऊ की रैली में बीजेपी से गठबंधन के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला लेंगे.
इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने पर राजभर ने कहा कि इससे कोई फ़ायदा नहीं है, इससे विकास नहीं होना है, इससे इलाहाबाद में समस्याएं हल होने वाली नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को काम कराना चाहिए ना कि नाम बदलना चाहिए.