बुलंदशहर: बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव में स्थित प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक विद्यालय में तीन दिसम्बर को 150 से अधिक छात्रों को समय से पहले 11 बजकर 15 मिनट पर मिड डे मील दे दिया गया था. इसी गांव में तीन दिसम्बर को 400 लोगों की भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हुई थी.
मुश्किल से 100 मीटर दूरी पर हो रहे तनाव के बारे में अनजान, यह उन बच्चों के लिए असामान्य था जिन्हें आमतौर पर स्कूल में दोहपर 12.30 बजे खाना दिया जाता था.
रसोइये और खाना परोसने वाले राजपाल सिंह ने कहा,‘‘उस दिन, हमें मिड-डे-मील जल्द वितरित करने और बच्चों को घर भेजने के आदेश मिले थे.’’
इस स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं के 107 और जूनियर माध्यमिक के 66 बच्चें हैं. स्कूल सुबह नौ बजे शुरू होकर दोपहर तीन बजे तक चलता है.
प्राथमिक स्कूल के शिक्षक प्रभारी देशराज सिंह ने कहा,‘‘बच्चों को खाना खिलाये जाने के बाद, उन्हें तुरंत घर भेज दिया गया.’’
सिंह दो शिक्षिकाओं और दो शिक्षामित्रों के साथ कक्षा एक से पांचवीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं. उमा रानी एक और शिक्षक के साथ कक्षा छह से आठवीं तक के छात्रों को पढ़ाती है. दोनों प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक सेक्शनों का संचालन उसी स्कूल परिसर से होता है.
सिंह ने कहा,‘‘ भीड़ असमान्य रूप से चिल्ला रही थी, यह अप्रत्याशित दिखाई दिया. बेसिक शिक्षा अधिकारी से सुबह 11 बजे एक संदेश पहुंचा था जिसमें कहा गया था स्थिति इज्तिमा (मुस्लिम समूह) के कारण अच्छी नहीं दिखती है और बच्चों को भोजन दें और उन्हें जल्द छोड़ दिया जाये.’’
बुलंदशहर में तीन दिवसीय इज्तिमा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. इसका आयोजन हिंसा स्थल से कुछ ही दूरी पर किया गया था. लेकिन स्कूल के पास मुख्य सड़क वाहनों से जाम थी.
सिंह ने कहा कि बाहर (मेरठ) से आये शिक्षकों को भी जल्द जाने के लिए कहा गया था ताकि ऐसा न हो कि वे यातायात जाम में फंस जाये.उन्होंने कहा कि सोमवार को स्कूल से हर कोई जल्दी चला गया था और बाद में जिला प्रशासन ने मंगलवार को सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिये.
जब बुधवार को स्कूल दोबारा खुले तो वहां कोई छात्र नहीं था और देशराज सिंह और उमा रानी ने अन्य स्टाफ के साथ उनका इंतजार किया.
रानी ने कहा,‘‘निश्चित रूप से सोमवार से गांव में जारी तनाव के कारण ऐसा था.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थिति में सुधार होगा और बच्चे स्कूल लौट आयेंगे.
बुलंदशहर में कथित गोकशी की घटना को लेकर हुई हिंसा के दौरान एक इंस्पेक्टर सुमित कुमार सिंह और 20 वर्षीय एक युवक सुमित की मौत हो गई थी. इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. घटना के बाद से आरोपियों के वीडियो में सामने आए हैं जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है. वहीं यूपी के डीजीपी आपी सिंह ने इस घटना को किसी साजिश का हिस्सा बताया है.