इलाहाबाद : गुरू पूर्णिमा के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज इलाहाबाद के मठ-मंदिरों में पूजा- अर्चना की और संतों के साथ बैठक की. मंदिरों और आश्रमों में पूजा के साथ-साथ उन्होंने गंगा-यमुना के घाटों पर अलग-अलग समय पर आरती भी की. बारिश की वजह से इलाहाबाद पहुंचने में दो घंटे की देरी हुई तो अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें सियासी संदेश देने का कार्यक्रम रद्द कर दिया.



अमित शाह का यह दौरा पूरी तरह धार्मिक रहा. इस दौरान उन्होंने न तो पार्टी कार्यकर्ताओं को कोई संदेश दिया और न ही मीडिया से बात की. उन्होंने साधू संतों के साथ हुई बैठक में कुंभ मेले को लेकर केंद्र और यूपी दोनों ही सरकारों से पूरी मदद मुहैया कराने का वादा किया और कुंभ के आयोजन को भव्य और अद्भुत बनाकर इसमें ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बुलाने की बात भी कही.



बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपने निर्धारित समय से तकरीबन दो घंटे की देरी से इलाहाबाद पहुंचे. यहां व सबसे पहले जूना अखाड़े के मौजगिरि आश्रम में पहुंचे. उन्होंने सबसे यमुना की आरती और उसका पूजन किया. इसके बाद उन्होंने जूना अखाड़े के ध्यान केंद्र का शिलान्यास किया और फिर मौजगिरि आश्रम में पूजा अर्चना की. आश्रम में ही उन्होंने संतों के साथ बातचीत भी की. अमित शाह इसके बाद कुंभ मेला क्षेत्र में लेटे हुए हनुमान मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने बजरंग बली की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगा. हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर कुंभ मेले के स्वरुप को समझते हुए संगम पर पहुंचे और वहां गंगा जी की पूजा अर्चना और आरती की.



संगम से लौटकर अमित शाह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बाघम्बरी मठ में पहुंचे. यहां उन्होंने अखाड़ों के साधू-संतों के साथ फिर से बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कुंभ को लेकर चर्चा की. संतों का दावा है कि वह कुंभ को लेकर अमित शाह के वादे से संतुष्ट हैं और उन्होंने उनकी सरकार को आशीर्वाद भी दिया. अमित शाह ने साधू-संतों से कुंभ मेले में फिर आने का वादा भी किया.