मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में अवैध बूचड़खाने पर कार्रवाई के बीच माहौल बिगाड़ने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. इस शख्स पर आरोप है कि उसने मीटबंदी के बीच भूखे चीलों को मुर्गे का मांस खिलाकर साम्प्रदायिक माहौल ख़राब करने की कोशिश की.


भूखे चीलों को मुर्गे का मांस खिलाना सामाजिक कार्यकर्ता को पड़ा भारी


घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के मुगलपुरा थाना क्षेत्र की है जहां मीटबंदी के बीच भूखे चीलों को मुर्गे का मांस खिलाना एक सामाजिक कार्यकर्ता हो भारी पड़ गया. पुलिस ने पशु क्रूरता और साम्प्रदायिक माहौल ख़राब करने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता हाजी इकबाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और लगभग 80 लोगों के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही तेज़ कर दी है.


दरअसल मुरादाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता हाजी इकबाल पर आरोप है कि उन्होंने यहां के जामा मस्जिद पार्क में अपने साथियों के साथ चीलों को मांस के टुकड़े उछाल-उछाल कर खिलाए. आसमान में चीलों मंडराता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद लोगों को ऐसा करने से मना किया और लोग वहां से चले गए लेकिन कुछ घंटो बाद ही पुलिस हाजी इक़बाल को गिरफ्तार कर थाने ले आई.


6 लोगों को नामज़द और 70-80 अज्ञात लोगों को भी बनाया आरोपी


पुलिस के मुताबिक हाजी इक़बाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 147,188 और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में 6 लोगों को नामज़द और 70 से 80 अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है.


पुलिस का आरोप है कि इक़बाल और उसके साथियों द्वारा मांस के टुकड़े उछाल-उछाल कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करते हुऐ जाम लगाया गया, इससे वहां से आने-जाने वाले दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए और वहां की दुकानें बंद हो गईं. तब पुलिस को वहां पहुंच कर भीड़ को तीतर-बीतर करना पड़ा.


नवरात्र के दौरान ऐसा करना गैर क़ानूनी


पुलिस का कहना है कि नवरात्र के दौरान ऐसा करना गैर क़ानूनी है. चौकी इंचार्ज बरवलान औऱ प्रवीण सिंह ने थाना मुगलपुरा में ये मुक़दमा अपराध संख्या 150/2017 दर्ज कराया है. इसमें पुलिस ने इक़बाल हुसैन, जावेद, मौहम्मद एहमद, बल्लू, अबुल, वारिश और मंसूर सहित 70-80 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.


वहीं आरोपी हाजी इकबाल का कहना है कि उसने तो पुन्य का कार्य सोच कर भूखे चीलों को मुर्गे की कलेजी खिलाई है. बहुत से लोग चीटियों को आटा भी खिलाते हैं और ये कार्य उसने मुस्लिम इलाके में किया है जहां दूसरे समुदाय का कोई भी नही रहता है.