लखनऊ: शादी ब्याह में फायरिंग के दौरान हो रही मौत ने यूपी पुलिस की नाक में दम कर रखा है. योगी आदित्यनाथ के नाराज होने पर अब पुलिस एक्शन में हैं. डीजीपी ओपी सिंह ने हर्ष फायरिंग को लेकर सभी ज़िलों के एसपी को नए आदेश जारी किये हैं. ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई हुई? कहां क्या कमी रही? और इस पर चर्चा होगी जैसे सवालों को लेकर अब हर महीने पुलिस की मीटिंग होगी.
डीजीपी ने कहा है कि अब अगर हर्ष फायरिंग में किसी की जान जाती है. तो फिर किसी का इंतजार किये बिना गैर इरादतन ह्त्या का मुकदमा आईपीसी की धारा 304 में दर्ज किया जाएगा. शस्त्र अधिनियम तोड़ने के कारण ऐसे लोगों के हथियार के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. अगर हर्ष फायरिंग की घटना किसी होटल या मैरिज लॉन में होती है तो फिर उसके भी लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होगी.
यूपी के डीजीपी ने सभी ज़िलों में इस बात का प्रचार प्रसार करने को कहा है कि शादी विवाह में फायरिंग ना की जाए. हर्ष फायरिंग से किसी के मरने पर उस इलाके के थानेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. जिसके तहत या तो उस इलाके के थानेदार को निलंबित किया जाएगा या फिर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
हाल के कुछ दिनों में ऐसी घटनाओं ने कुछ लोगों की जान ले ली. इन दौरान की खुशियां मातम में बदल गयी. जहां से डोली उठनी थी, वहां से किसी की अर्थी उठी. लखीमपुर में एक शादी के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में गोली सीधे दूल्हे के सीने में जा लगी, उसने वही दम तोड़ दिया. फिरोज़ाबाद में एक कॉन्स्टेबल ने 12 साल की एक लड़की को इसीलिए गोली मार दी क्योंकि डांस करते समय बच्ची के पैर से पुलिसवाले का जूता दब गया था.