लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में अपने भाषण के दौरान 'असंसदीय भाषा' का इस्तेमाल किया. विपक्ष योगी की टिप्पणी को कार्यवाही से बाहर करने की मांग कर रहा है.
सदन की बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने उक्त मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट पर कल अपने वक्तव्य में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.
समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव ने कहा कि 'योगी' होने के बावजूद सदन में मुख्यमंत्री का ऐसा वक्तव्य दर्शाता है कि उनमें अनुभव की कमी है.
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजनीतिक दलों और लोगों की तुलना जानवरों से की गयी. यह अच्छी बात नहीं है और असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए.
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने कई बार तुलनाएं कीं लेकिन किसी का नाम नहीं लिया.
अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि इस प्रकरण पर वह अपना फैसला सुरक्षित कर रहे हैं. वह मंत्री से इस संबंध में चर्चा करेंगे.
कानून व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल पलटवार करते हुए कहा था कि कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करने वालों को 'दृष्टिदोष' हो गया है.
योगी ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पर बोलते हुए कहा था, 'प्रदेश की आज की कानून व्यवस्था पर जो प्रश्न खड़ा कर रहा है. मुझे लगता है कि उसे किसी नयी दृष्टि की आवश्यकता है. इसे हम दृष्टिदोष कह सकते हैं.'
उन्होंने कहा, '16 महीने में उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ. प्रदेश में आज निवेश आ रहा है. फरवरी में इन्वेस्टर्स समिट किया था. पहले लोग हंसते थे क्योंकि प्रदेश की ऐसी तस्वीर बना दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में अराजकता और गुंडागर्दी है. आज देश और दुनिया का हर उद्योगपति उत्तर प्रदेश में निवेश का इच्छुक दिखायी दे रहा है.'
एसपी-बीएसपी और कांग्रेस के बीच तालमेल के प्रयासों पर योगी ने कटाक्ष किया, 'उत्तर प्रदेश में नया चिपको आंदोलन चल रहा है. बीएसपी कहती है कि एसपी से उसकी दूरी है. पता नहीं कितनी दूरी है. सांप का बच्चा हमेशा सांप ही होता है, जहरीला ही होता है. सांप कभी नेवला नहीं बन सकता. जिनकी डंक मारने की आदत होगी डंक ही मारेंगे.'
उन्होंने कहा कि होशियार लोगों के लिए अच्छा होता है कि दूसरों को ठोकर खाते देख संभल जाएं लेकिन अगर बार बार ठोकर खाने के आदी हैं तो ईश्वर उनकी मदद करे.