कोलकाता: बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चन्द्र मिश्रा ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा-सपा गठबंधन केन्द्र की ‘दलित-विरोधी’ और ‘अल्पसंख्यक-विरोधी’ राजग सरकार के अंत की शुरूआत है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कोलकाता में आयोजित संयुक्त विपक्ष की रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए सपा-बसपा गठबंधन के बाद यह रैली अगला कदम है.
उन्होंने कहा कि इस ‘सफल’ रैली से पुष्टि हो गई है कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान को सुरक्षित रखने के लिए बीजेपी को हराना जरूरी है.
बसपा प्रमुख मायावती के प्रतिनिधि के रूप में रैली में शामिल हुए मिश्रा मंच पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ बैठे थे.
बता दें कि बीएसपी की तरफ से सतीश मिश्रा ने ममता बनर्जी की महारैली में भाग लिया. मायावती रैली में नहीं गई. मिश्रा ने कहा, ''बीजेपी वोट के लिए झूठ बोलती है. बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. किसान, मजदूरों, दलितों का आज बुरा हाल है. बीजेपी को हटाना होगा.''
वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को साथ मिलकर लड़ना होगा.
विपक्षी दलों को चुनाव में साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारना चाहिए.
वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के बाद बीजेपी चिंतित है और राज्य में जीत की खातिर रणनीति तैयार करने के लिये बैठक पर बैठक कर रही है. अखिलेश ने आगे कहा कि बीजेपी विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछती है. हम पूछते हैं कि मोदी ने तो देश को निराश कर दिया, अब आपके पास प्रधानमंत्री पद के लिए कौन सा चेहरा है.
ममता बनर्जी की रैली में आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कहा कि ये विपक्ष की रैली नहीं रैला है. अच्छे दिन लाना है तो मोदी को भगाना है.