नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में पिछड़ा और कमजोर वर्गों के समर्थन से बीजेपी को मिली जबर्दस्त जीत के बाद एसपी, कांग्रेस, बीएसपी सहित विपक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों के आयोग के सदस्यों के पदों के खाली रहने के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. हालांकि बीजेपी ने कहा कि यह तमाशा उत्तर प्रदेश में हार की हताशा है.
आयोग के नाम पर जनता को गुमराह करने का प्रयास
इस बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘ ये तमाश हार की हताशा है. जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है. अब वे पिछड़ा वर्ग आयोग, एससी-एसटी आयोग, अल्पसंख्यक आयोग के नाम पर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की नीतियों के कारण जनता ने उन्हें खारिज कर दिया और उन्हें ऐसे प्रयासों से बाज़ आना चाहिए.
नकवी ने कहा कि जहां तक सवाल विभिन्न आयोगों में कुछ पदों के रिक्त होने का है, यह पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण भरी नहीं जा सकी. सभी लोग जानते हैं कि उस समय चुनाव के कारण इन राज्यों में आदर्श आचार संहित लागू था. ऐसे में अगर नियुक्ति की जाती तब जो लोग आज नियुक्ति नहीं होने पर सवाल उठा रहे हैं, वे नियुक्ति होने पर सवाल उठाते. नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही नियुक्तियां होंगी.
आपको बता दें कि पिछड़ा वर्ग समेत विभिन्न आयोगों में सदस्यों के पद रिक्त होने का मुद्दा पिछले दो दिनों से राज्यसभा में छाया हुआ है. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक कल भोजनावकाश से पहले और आज पूरे दिन नहीं चली. कांग्रेस, एसपी, बीएसपी और जेडीयू के सदस्यों ने आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
दलितों को जोड़ने की कवायद में एकजुट हो रहा विपक्ष
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जबर्दस्त जीत में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों, कमजोर वर्गो की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है. 2019 का लोकसभा चुनाव ज्याद दूर नहीं है, ऐसे में कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, जेडीयू, आरजेडी जैसे दल दलितों को जोड़ने की कवायद में एकजुट हो रहे हैं.
आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि बिहार में लालू प्रसाद ने सभी जिलों के अति पिछड़े समुदाय के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के साथ बैठक की है. इनसे संगठन में पिछड़ों एवं अति पिछड़ों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने को कहा गया है.
जेडीयू सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा कि जेडीयू शुरू से ही पिछड़ों और अति पिछड़ों को प्राथमिकता देती है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार सतत रूप से कमजोर वर्गो के सशक्तिकरण में लगी है. हम ऐसे वर्गो के लिए और अवसर पैदा करेंगे. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि दशकों से पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग लंबित थी. मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का निर्णय किया है.
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि मोदी सरकार पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों समेत समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण को कृत संकल्प है. हमारी सरकार गरीबों की आंखों में खुशी और उनकी जिंदगी में खुशहाली सुचिश्चित करने के इरादे के साथ आगे बढ़ रही है.
पिछड़ों के नाम पर राजनीति कर रही है केंद्र सरकार: पी एल पुनिया
कांग्रेस के पी एल पुनिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पिछड़ों के नाम पर राजनीति कर रही है और अनुसूचित जति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करने वाले संस्थाओं को दनकिनार और नजरंदाज कर रही है.
एसपी नेताओं का कहना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग में कई पद रिक्त पड़े हैं और उन पर नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं. देश की 80 से 85 फीसदी आबादी आज भी कष्ट में है. राज्यसभा में बीएसपी नेता मायावती ने कहा कि देश की आबादी में अपनी 80 से 85 फीसदी की मौजूदगी दर्शाने वाले अनुसूचित जति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लंबे संघर्ष के बाद उनके हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए आयोगों का गठन हुआ. लेकिन इस सरकार ने सभी आयोगों को ठंडे बस्ते में डाल रखा है.