मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश की शामली पुलिस ने सोशल मीडिया पर कैराना की नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन के फर्जी पोस्ट के मामले में जांच के आदेश दिए हैं.शामली के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि हसन ने शिकायत दर्ज कराकर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने वालों और सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. जीत के बाद सांसद का एक फर्जी पोस्ट वायरल हो रहा था जिसमें कहा गया था कि ये अल्लाह की जीत है और राम की हार.


उन्होंने बताया कि साइबर सेल मामले की जांच करेगा और फर्जी संदेश पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. हसन (48) ने मंगलवार को कैराना संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी की मृगांका सिंह को 44,618 मतों के अंतर से हराया था. इस तरह वह 16 वीं लोकसभा के लिए उत्तर प्रदेश से पहला मुस्लिम चेहरा बन गईं.

वायरल पोस्ट



बता दें कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में ‘मोदी की आंधी‘ के चलते बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीती थीं. जबकि उसके सहयोगी अपना दल को दो सीटें मिली थीं. उस चुनाव में इस सूबे से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं जीत सका था.

इससे पहले साल 2009 में कैराना से ही बीएसपी की सांसद रह चुकी तबस्सुम ने अपनी इस जीत के लिए आरएलडी, एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने इसे कैराना की जनता और खासकर किसानों की जीत करार देते हुए कहा कि बीजेपी ने विकास के बजाय असल मसलों से भटकाने वाले मुद्दे उछाले, लेकिन उसका यह दांव उल्टा पड़ गया.

तबस्सुम ने उपचुनाव से एक दिन पहले बागपत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के बारे में कहा कि अब मोदी के आने का कोई असर नहीं होगा. अहंकारी लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि उनका कोई विकल्प नहीं है, लेकिन विकल्प तो अल्लाह निकालता है. हम सब मिलकर 2019 में उन्हें धूल चटाएंगे.