शिवपाल ने अपने भतीजे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा पर हमला करते हुए कहा कि "पार्टी में चुगलखोरों और चापलूसों की वजह से नेताजी का भी अपमान हुआ, मेरा भी हुआ. इसीलिये हमें अलग पार्टी बनानी पड़ी."
उन्होंने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि नेताजी का आशीर्वाद हम सबकों मिलता रहे. हम लोग नेताजी का दिल की गहराइयों से सम्मान करेंगे. पार्टी नेताजी का इंतजार कर रही है. हम निश्चिंत है कि हम नेताजी के नेतृत्व में निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराएंगे. नेताजी का जो भी आदेश होगा, हम सब लोग उसका पालन करेंगे. समान विचारधारा के करीब 40 दलों ने हमें समर्थन दे दिया है.’’
शिवपाल ने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष पद और मैनपुरी लोकसभा सीट से पार्टी के टिकट की पेशकश की. शिवपाल ने मुलायम को पार्टी का झंडा भी भेंट किया. हालांकि मुलायम उनकी किसी भी बात पर कुछ नहीं बोले.
अपने सम्बोधन में मुलायम ने कहा कि समाजवादी लोग अन्याय का विरोध करें और समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाएं. हालांकि इसके तुरंत बाद मुलायम सबको चौंकाते हुए बगल में स्थित सपा के दफ्तर पहुंच गये और वहां कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र दिया.
अब जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, मुलायम के सपा और प्रगतिशील सपा दोनों के ही कार्यालयों पर जाने से सपा समर्थक असमंजस में हैं.
बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश ने हाल में अपने चाचा शिवपाल की पार्टी को बीजेपी की ही एक शाखा बताते हुए कहा था कि सपा का मुकाबला सिर्फ बीजेपी से है, उसकी किसी बी, सी, डी या किसी अन्य टीम से नहीं.